Book Title: Jinandji Bhav Jal Par Utar
Author(s): Padmaratnasagar
Publisher: Mahavir Jain Aradhana Kendra Koba

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Page 273
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir फूल खुशीयों के बाटे सदा हम सबका जीवन बन जाये मधुवन अपनी करुणा का जल तूं बहा के कर दे पावन हर इक मन का कोना... __ महामंत्र छे मोटो जगमां महामंत्र छे मोटो जगमां, एक ज श्री नवकार रे धून लगावो साथे मळी सहुं, ए छे तारणहार रे... नमो अरिहंताणं कहेता, तरिये सागर पार रे (२) नमस्कार होजो सिद्धोने, कोटि कोटि वार रे (२) आचार्य भगवंतो ने हुं, वंदु वारंवार रे... धून. उपाध्याय स्वाध्याय दईने, करे सदा उपकार रे...(२) साधुनी सेवा करवाने, थाजो सौ तैयार रे...(२) ए पांचेनी भक्ति करीने, सफळ करो अवतार रे... धून नवकारना अनेक गुणो, गणता नावे पार रे...(२) एमां पूर्णपणे समायो चौद पूर्वनो सार रे...(२) धन्य धन्य अवतार जेनो, समरे श्री नवकार रे... धून २६३ For Private And Personal Use Only

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