Book Title: Jinandji Bhav Jal Par Utar
Author(s): Padmaratnasagar
Publisher: Mahavir Jain Aradhana Kendra Koba

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Page 282
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir कल्याणनी छे भावना महावीर शरणं मम. पदम जेवी निर्लेपता महावीर शरणं मम. प्रशांत जेहनी मुखमुद्रा महावीर शरणं मम. पद्म-रत्न बिराजता महावीर शरणं मम. पुनीत पावन चरणोमां महावीर शरणं मम. पूर्ण हता वीतरागी महावीर शरणं मम. सागर जेहवी गंभीरता महावीर शरणं मम. जब कोई नही आता... जब कोई नहीं आता, मेरे दादा आते है, मेरे दुःख के, दिनो में वो बडे याद आते है........ जब कोई. मेरी नैया चलती है, पतवार नहीं चलती, किसी और की अब मुजको, दरकार नहीं चलती, मैं डरता नहीं जगसे, प्रभु साथ होते हैं.... मेरे दुःख के०...१ कोई याद करे इनको, दुःख हलका हो जाये, कोई भक्ति करे इनकी, वो इनके हो जाये, ये बिन सोचे कुछ भी, पहचान जाते हैं..... मेरे दुःखके०...२ ये इतने बड़े होकर, भक्तो से प्यार करे, अपने भक्तो के दुःख को, ये पल में दूर करे, अपने भक्तो का कहना, प्रभु मान जाते हैं. . मेरे दुःखके०...३ २७२ For Private And Personal Use Only

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