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आती है और न कर्तृत्व ही। यदि महात्मा गाँधी का भी | समानता के अधिकार नहीं देना चाहते। इसलिए प्रत्येक वही मत न होता. तो वे कभी राजनीतिक आन्दोलन में | देशभक्त का यह कर्तव्य है कि वह प्रजा के दःखों या नहीं पढ़ते। यदि कहीं का शासन अन्यायपूर्ण हो और | उस पर होनेवाले अत्याचारों की स्थिति उस अवस्था तक सुधारने का प्रयत्न करें तो न्याय की दृष्टि से वह राजद्रोह | पहुँचावे, जिसमें अंत में शासकों को सुधार के लिए विवश नहीं हो सकता। यदि शासक लोग इसे राजद्रोह कहें, तो | होना पड़े। गांधीजी ने अपने इस कर्तव्य का बहुत अच्छी उसका अर्थ यही है कि वे न्याय और नीति नहीं चाहते। | तरह पालन किया है और इसीलिए वे सब लोगों की स्तुति वे अन्याय का प्रतीकार नहीं चाहते. वे अपनी प्रजा को | और आदर के पात्र हुए हैं।
'प्राकृतिविद्या' से साभार
श्री दिगम्बर जैन श्रमण संस्कृति संस्थान, सांगानेर, जयपुर
प्रवेश सूचना श्री दिगम्बरजैन श्रमण संस्कृति संस्थान द्वारा संचालित महाकवि आचार्य ज्ञानसागर छात्रावास का बारहवाँ सत्र १ जुलाई २००८ से प्रारम्भ होने जा रहा है। यह छात्रावास आधुनिक सुविधाओं से सम्पन्न व अद्वितीय है। जहाँ छात्रों को आवास, भोजन, पुस्तकें, शिक्षण आदि की समस्त सुविधाएँ नि: शुल्क उपलब्ध हैं।
यहाँ छात्रों को राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड व राजस्थान संस्कृत विश्वविद्यालय के निर्धारित पाठ्यक्रम का अध्ययन नियमित छात्र के रूप में श्री दिगम्बरजैन आचार्य संस्कृत महाविद्यालय, सांगानेर, जयपुर में कराया जाता है। कॉलेज के पाठ्यक्रम एवं पठन के अतिरिक्त संस्थान में जैनदर्शन, संस्कृत, अंग्रेजी, ज्योतिष, वास्तु तथा कम्प्यूटर शिक्षा आदि विषयों का अध्ययन. योग्य अध्यापकों द्वारा कराया जाता है।
इस छात्रावास में रहते हुए छात्र शास्त्री (स्नातक) परीक्षा उत्तीर्ण करने के पश्चात् जैनदर्शन के योग्य विद्वान् तो हो ही जाते हैं, साथ ही सरकार द्वारा आयोजित I.A.S., R.A.S., M.B.A. एवं M.C.A., जैसी सभी प्रतियोगी परीक्षाओं में सम्मिलित हो सकते हैं तथा अपनी प्रतिभा के अनुरूप विषयों का चयन कर उच्च शिक्षा प्राप्त कर सकते
प्रवेश के इच्छुक जिन छात्रों ने इस वर्ष दसवीं की परीक्षा अंग्रेजी विषय सहित दी है अथवा उत्तीर्ण की है, वे निम्न स्थानों पर लगने वाले चयन शिविर में निम्न पते पर सम्मिलित होवें, जहाँ परीक्षा एवं साक्षात्कार के आधार पर योग्य छात्र का चयन किया जावेगा। शिविर स्थल - 1. श्री दिगम्बरजैन सिद्धक्षेत्र कुण्डलपुर, जिला-दमोह (म.प्र.)
छात्रावास फोन नं. 0141-0730552, मो. 9887867822
दिनांक 19 मई से 24 मई 2008 तक 2. 'श्री पार्श्वनाथ दिगम्बरजैन मंदिर. उदासीन आश्रम. अशोक नगर.
उदयपुर (राज.) मो. 09414870099
दिनांक 25 मई से 30 मई 2008 तक 3. श्री दिगम्बरजैन अतिशयक्षेत्र कुंभोज बाहुबलि, तालुका-हाथकणंगले
जिला- कोल्हापुर (महा.) मो. 0941224445 दिनांक 22 मई से 30 मई 2008 तक
18 अप्रैल 2008 जिनभाषित
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