Book Title: Jinabhashita 2001 05
Author(s): Ratanchand Jain
Publisher: Sarvoday Jain Vidyapith Agra

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Page 3
________________ विशेष समाचार गोरक्षा का स्तुत्य प्रयास • बूचड़खाने ले जाये जा रहे 1200 मवेशी पकड़े • कसाइयों के गिरोह का पर्दाफाश 1 ध्यप्रदेश में चारा और पानी की | निश्चय सागर जी महाराज को बीना के एक | 'आचार्य विद्यासागर गौ संवर्द्धन केन्द्र' को | किल्लत होने से कसाइयों तथा मांस- युवक ने पशुओं की तस्करी की जानकारी दी | सौंप दिया। हजारों लोग इन पशुओं की व्यापारियों का एक बड़ा गिरोह बीना, तथा बताया कि आज शाम को एक ट्रेन की तीमारदारी में लग गए, उन्हें चारा, पानी दिया वदिशा, गुना, ललितपुर, झाँसी आदि जिलों | 40 बोगियाँ भरकर जानवर सागर रेलवे | गया तथा बीमार पशुओं का पशु चिकित्सक में सक्रिय है तथा वह स्वयं को पशु व्यापारी स्टेशन से गुजरेंगे। मुनि संघ ने यह जानकारी बुलाकर उपचार कराया गया। पुलिस ने इस बताकर गाँव-गाँव घूमकर कृषि के नाम पर सागर शहर के संभ्रांत लोगों तक पहुँचाई। 2 प्रकरण में फरियादी का नाम पूछा तो सागर कसानों से उनके जानवर खरीद रहा है तथा मई को देखते ही देखते सागर रेलवे स्टेशन के सांसद, महापौर, विधायक, भाजपा एवं उन्हें भारी तादाद में बूचड़खाने भेज रहा है। पर पूरा शहर उमड़ पड़ा। शाम 4 बजे सागर कांग्रेस के पदाधिकारियों ने स्वयं का नाम ये कसाई ऐसे गाँवों में पहुंच रहे हैं जहाँ पशुओं की महापौर मनोरमा गौर, जिला कांग्रेस | फरियादी में लिखाया तथा कसाइयों के दलाल के लिये पानी और चारे का अभाव है तथा अध्यक्ष बृजकिशोर रूसिया, पूर्वमंत्री बिट्ठ- के बयानों के आधार पर इन पशुओं को कसान अपने जानवरों को चारा पानी लभाई पटेल, विधायक श्रीमती सुधा जैन, बूचड़खाने ले जाने का प्रकरण भी कायम उपलब्ध नहीं करा पा रहे हैं। कसाई मात्र 200 सांसद वीरेन्द्रसिंह सहित जैन समाज के किया। से 300 रुपये में बछड़े तथा पाड़े एवं 700 युवक, शिवसेना के कार्यकर्ता तथा आम अखिल भारतीय कृषि गौ सेवा संघ से 800 रुपये में गायें खरीद रहे हैं। चूंकि नागरिक जिस रेलवे ट्रेक्स से जानवरों से भरी वर्धा के कर्मचारी अध्यक्ष उदय लाल जारोली किसान के लिए बछड़े तथा पाड़े फिलहाल मालगाड़ी गुजरने वाली थी उसे घेरकर खड़े वर्धा से सागर पहुँचे तथा उन्होंने पुलिस और उपयोगी नहीं है तथा कसाई उन्हें झाँसा देते हो गए। लगभग तीन चार हजार लोगों के न्यायालय को पशु संरक्षण अधिनियम की है कि वे जानवरों को कृषि कार्यों के लिये ही हुजूम को देखकर रेल अधिकारी तथा रेल्वे प्रतियाँ उपलब्ध कराकर इस घटना को जघन्य बेचेंगे। ऐसे में किसान अपने जानवर इन पुलिस हरकत में आई तथा बीना की ओर से अपराध तथा भारत से गोवंश समाप्त करने कसाइयों को बेच देते हैं। आनेवाली जानवरों की ट्रेन को वहाँ रोका की साजिश बताया। श्री जारौली ने कहा कि बीना रेलवे स्टेशन एक ऐसा स्टेशन गया। सभी लोग यह देखकर दंग रह गए कि रेलवे विभाग को बिना कलेक्टर की अनुमति है जहाँ ये कसाई उत्तर प्रदेश, मध्यप्रदेश एक एक बोगी में 40 से अधिक पशु भरे के पशुओं के परिवहन के लिये बोगियाँ राजस्थान तथा गुजरात तक से खरीदे गए गए थे तथा इन पशुओं के लिए इस भरी गर्मी उपलब्ध नहीं कराना चाहिए, ऐसा नियम है। जानवरों को एकत्रित करते हैं। इस रेल्वे | में न तो चारा पानी की व्यवस्था थी और न इसके अलावा पशुओं के परिवहन के समय स्टेशन पर कोई बड़ा अधिकारी पदस्थ नहीं ही उपचार का कोई साधन था। पशुओं की बोगी में पर्याप्त चारा, पानी तथा पशु है। छोटे कर्मचारियों से कसाइयों की | आँखों के आँसू उनके चेहरों पर साफ दिखाई चिकित्सक होना चाहिए। यह देखने का काम मिलीभगत है जिससे सारे नियमों को ताक | दे रहे थे। प्रत्येक बोगी में कसाइयों के दो भी रेल विभाग का है। लेकिन कसाइयों की पर रखकर रेल कर्मचारी इन कसाइयों को दो दलाल भी बैठे थे जो हथियारों से लैस मिलीभगत के कारण रेल कर्मचारियों ने मालगाड़ी उपलब्ध कराते हैं, इन गाड़ियों में | थे। ट्रेन के रुकते ही उन्होंने पहले तो इसका ध्यान नहीं रखा। जारौली ने इस जानवरों को भरकर ये कसाई पहले करगी रोड | कार्यकर्ताओं पर हमला करना चाहा लेकिन जानवरगाड़ी से जो कागजात पकड़े है उनका रेलवे स्टेशन ले जाते हैं वहाँ से सड़क मार्ग | भारी भीड़ ने 44 लोगों को पकड़ लिया तथा अध्ययन करके उन्हें फर्जी बताया है। उदाहरण द्वारा असम तथा पश्चिम बंगाल होते हुए इन | उन्हें रेलवे पुलिस के सुपुर्द कर दिया। के लिये कुरवाई के एक पशु चिकित्सक का जानवरों की तस्करी बंगला देश तक हो रही खबर मिलते ही सागर शहर के अनेक | प्रमाण पत्र है कि उसने इन पशुओं का है। इन कसाइयों के गिरोह की कुरवाई लोग इन जानवरों की प्राण रक्षा के लिये चिकित्सकीय परीक्षण किया तथा उन्हें (विदिशा) के एक पशु चिकित्सक तथा स्टेशन पहुँचने लगे। पहले तो बीना के रेल परिवहन के योग्य माना है। कुरवाई में यह तहसीलदार से भी मिलीभगत है जो इन कर्मचारियों ने सागर रेलवे पुलिस पर दबाव परीक्षण 2 मई को होने का प्रमाण पत्र है, पशुओं के परिवहन के लिये कसाइयों को | डलवाया कि वे इस ट्रेन को करगी रोड जाने जबकि 2 मई को ही सुबह बीना में जानवरों फर्जी प्रमाण पत्र बना कर देते हैं। दें, किन्तु आम जनता का आक्रोश देखकर की ट्रेन भरी गई। तो क्या ये जानवर अपना इस माह की 2 तारीख को सागर में | पुलिस ने 44 लोगों पर पशुक्रूरता अधिनियम परीक्षण कराकर उसी दिन कुरवाई से बीना विराजमान पूज्य मुनि श्री समतासागर जी, | की धाराएँ लगाकर उन्हें हिरासत में ले लिया रेलवे स्टेशन पहुँच गए? कलेक्टर के बजाय पूज्य मुनि श्री प्रमाणसागर जी तथा ऐलक श्री | तथा पशुओं को चारा, पानी एवं उपचार हेतु एक तहसीलदार का प्रमाण पत्र है कि स्थानीय - मई 2001 जिनभाषित 1 Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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