Book Title: Jambudwip Part 02
Author(s): Vardhaman Jain Pedhi
Publisher: Vardhaman Jain Pedhi

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Page 163
________________ १० विष्णुपुराण अध्याय २ २६ श्रीमद् भागवत ५-२०-३५-३७ ११ 'द्विद्विर्विष्कम्भाः पूर्व पूर्व-परिक्षेपिणो वलया- २७ वही ५-१६-५ तथा जम्बूद्वीप पण्णत्ती १-२० ___ कृतयः” तत्त्वार्थ सूत्र वाराणसी १९५०,३-८ २८ अभिधर्म कोश ३-५३-५४ १२ कथा सरित्सागर का सांस्कृतिक अध्ययन २९ श्रीमद् भागवत ५-२-१९ _____ डा० वाचस्पति द्विवेदी पुष्ठ १८ ३० वही ५-२-२१ १३ काव्यमीमांसा : बिहार राष्ट्रभाषा परिषद् ३१ तत्त्वार्थ सूत्र ३-१० ३२ वही ३-११ पटना १९६५, पृष्ठ २३० ३३ श्रीमद् भागवत ५-१६-१२ ९४ क० स० का सा० अ० पृष्ठ १९ ३४ जैन साहित्य का इतिहास (पूर्व पीठिका) १५ काव्य-मीमांसा पृष्ट २३२ मथुरा, प्रस्तावना पृष्ट ८ १६ अभिज्ञान-शाकुन्तलम् : रतन प्रकाशन मन्दिर आगरा १९८२, ४-१९ ३५ श्रीमद्भागवत ५-४-३ ३६ वही एवं अन्य १७ श्रीमद् भागवत-५-ण-३० ३७ तत् तत् पुराण १८ वही ५-१-३२ ३८ तत्त्वार्थ सूत्र ३-११-१४ १९ वही ५-१-३३ ३९ वही ३-२० २० अभिधम कोश ४८-४९ ४० वही ३-२१-२२ २० ब अभिधर्म कोश : हिन्दुस्तानी एकेडमी ४१ जम्बूदीवपण्णत्ती २-३२ तथा तिलोयण्णत्ती इलाहाबाद, पृष्ठ ३६८ ४-१०७ २१ वही पृष्ठ ३७० ४२ तिलोय पण्णत्ती ४-२६६-६८ २२ जम्बूद्वीप पण्णत्ती : सोलापुर १९५८, ४-२२ २३ श्रीमद् भागवत् ५-१६-७ १३०, बडा बाजार २४ अभिधर्म कोश पृष्ठ ३६७ खतौली-२५१२०१ २५ तत्त्वार्थ सूत्र ३-३५ (उ०प्र) Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org

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