Book Title: Jainatva ki Zaki
Author(s): Amarmuni
Publisher: Sanmati Gyan Pith Agra

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Page 188
________________ के बीच किसी प्रकार का रंग, जाति और लिंग का भेदभाव स्वीकार करने को तैयार नहीं है। इन परिस्थितियों में भगवान् महावीर के अनुयायी अपना कर्त्तव्य समझें, और जातिवाद के इस जहर को मिटाकर अपने को समत्ववादी और बन्धुतावादी जैन धर्म के सच्चे उपासक सिद्ध करें । Jain Education International भगवान महावीर और जातिवाद For Private & Personal Use वाद (177)brary.org

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