Book Title: Jainatva ki Zaki
Author(s): Amarmuni
Publisher: Sanmati Gyan Pith Agra

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Page 192
________________ है। डॉ. बसु ने एक यंत्र ऐसा भी बनाया है, जो नाजुक पंक्तियों की धड़कन का पता बताता है। शराब पीकर पौधे भी उत्तेजित हो जाते हैं इस बात का पता इस यन्त्र की सहायता से सहज ही में जग सकता है। पौधे की जड़ में शराब डाल दो और फिर यन्त्र से उस पौधे को सम्बन्धित कर दो, तो तुम देखोगे कि उसकी पंक्तियों में पूर्वापेक्षया अब अधिक धड़कन होने लगी है। क्या मनुष्य और क्या पशु-पक्षी, सभी दिन भर काम करने के बाद थक जाते हैं और रात में उन्हें आराम करने की जरुरत पड़ती है । पेड़-पौधे भी इसी प्रकार थककर रात में आराम करते हैं। सूरज के डूब जाने के बाद यदि तुम बाग में जाओ, तो देखोगे कि पंत्तियों का रंग-ढंग दिन जैसा नहीं है। ऐसा लगता है, जैसे वे चुपचाप पड़ी सो रही हों। 'क्लोवर' नामक पौधे की पत्तियों में यह परिवर्तन बहुत साफ दिखाई देता है। उसकी पत्तियाँ रात के समय झुक कर तने से सट जाती हैं । भारतवर्ष में पाया जाने वाला 'टेलीग्राफ प्लेट' रात में पत्ती पर पत्ती रख कर सोता है। पौधों की विचित्र हरकतें जिस प्रकार मनुष्य के स्वभाव भिन्न-भिन्न होते हैं, उसी प्रकार वृक्षों के स्वभाव भी बहुत विचित्र प्रकार के होते हैं। कुछ वृक्ष ऐसे हैं, जो मांसाहार भी करते हैं। मांसाहारी पौधों की लगभग पाँच - सौ जातियाँ पाई गई हैं। एक पौधा 'ब्लैडर वर्ट' होता है, यह जल में रहने वाला है। इसके तने पर छोटे-छोटे थैले से लगे रहते हैं। इन थैलों के मुँह पर एक दरवाजा - सा लगा रहता है। ज्यों ही कोई कीड़ा अन्दर पहुँचता है, त्यों ही दरवाजा अपने आप बन्द हो जाता है। बेचारा कीड़ा अन्दर-ही-अन्दर झटपटा कर मर जाता है और उसका रक्त वह वृक्ष चूस लेता है। Jain Education International For Private & Personal Use O वनस्पति में जीव (121)rary.org

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