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जैनागम सिद्ध मूर्तिपूजा
२०३ का वर्णन है। १३. श्री जंबूद्वीप प्रज्ञप्ति में देवों द्वारा परमात्मा की दाढा को सुरक्षित रख
कर पूजने का उल्लेख है ।
श्री प्रज्ञापना सूत्र में स्थापना सत्य का वर्णन है। १५. श्री सूर्यप्रज्ञप्ति में सूर्य विमान में जिन प्रतिमा बताई गई है। १६. श्री चन्द्रप्रज्ञप्ति में चन्द्र विमान में जिन प्रतिमा बताई गई है । १७. श्री उत्तराध्ययन सूत्र की टीका में प्रभावती रानी द्वारा जिन प्रतिमा पूजी
जाने का उल्लेख है। १८. श्री अनुयोगद्वार सूत्र में चार निक्षेपों का वर्णन है । १९. श्री व्यवहार सूत्र में जिन प्रतिमा के सम्मुख आलोचना लेने का पाठ
है।
२०. श्री आवश्यक सूत्र में 'अरिहंत चेइयाणि' एवं 'महिया' आदि पाठ द्वारा
जिन मंदिर व प्रतिमा पूजा का उल्लेख है । इन सूत्रों के अलावा आगम, टीका, भाष्य, नियुक्ति, चूर्णि, टब्बा एवं प्रकरण आदि में जिन प्रतिमा वंदन पूजन का स्पष्ट अधिकार उपलब्ध होता है।
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