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परिशिष्ठ-२ जैनागम सिद्ध मूर्तिपूजा
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ও ওযwয়সৎসকৰে৭কিনেৰেসিল্ক সুবহাচট? - ११७६अचेलकउद्देशकादि साधुकादशप्रकारका कल्प' (३२) सत्र के
मूलपाठ करूं------ तपके प्रस्तान मुनियों को उसलतिईहावीसलब्धियों ,
का नाम तयागुणशसूत्रके मूलपाहमें कहा है ?... ------- १७ जेनरूपीकमरतका मूलसमान सर्वसुरेखाकुं प्राप्त करानेवाला
सम्पत्तके बोल सूत्रके शूलपाइमें कहा है ?--------- जए आवकप के शगुण'कस्तो सो(३२)मनके मूलपाठ करूं निवप्रा सामायिक इतकेरइशदोष' कहतेहोसो(३२) सूत्रके मूलपान कहालेर
.... र क उम्सगके(४)दोष करतेसो (३२)सत्रके मूलपाठमें कहा है?
असतायोका कालप्रमाण (२)सत्रकेमूलपाठमें कहा है?
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दीक्षादेतां चोरी उरवाड तेले सो (३२) सत्र के मूलपाइका कही?
माधुकुंछ महिन जोनकरणकहतेहमोसत्रके पलवा को मलाच करायके सर्वसाधुलोको वंदना करनी कहते
सारसासनके मूलपाहमें कहा है --------............. एपलधिकमासहवेतो पाचमहीने का नउमासा करना' का
ते मो(शासन के मूल कहले ?
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