Book Title: Jainagam Siddh Murtipuja
Author(s): Bhushan Shah
Publisher: Chandroday Parivar

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Page 349
________________ (१७) कलश की स्थापना प्रभुमूर्ति (स्थापना निक्षेप) उत्थापन का फल → कलश की स्थापना उसकी पूजा उसका प्रभाव बढाना.... नवकार कुंभ की स्थापना करते आचार्य श्री शिवमुनीजी जमा अरिस्ताण रखान्टमायण गुरु गणेश धाम कलश कलश स्थापना र तीचे 26 जनवरी 2012 हाप्रभावी नवकार कलश भवन में दर्शनीय अद्भुत कलाकृतिय नाम अनुरूप साधना हेतु समर्पित प्राकृतिक एवं पहुंच पत्र, पैसठिया का, पन्दरिया यंत्र, चोतिशियां उर्जा से सम्पन्न नवकार कलश भवन में जहां अनेक यंत्र मंत्र स्थापित किए गए है। दिल्ली वन निर्मित शक्ति सम्पन्न कलस अपनी उर्जा प्रवाहित भक्तगणों का लगातार नवकार तीर्थ में आवागमन | वहीं कलश भवन में चहुँ ओर नवकार महामंत्र से | जिनके आवास-निवास की समुचित व्यवस्था ट्रस्ट एका अनेक शास्त्रीय मंगल गाथाएं एवं भगवान महावीर द्वारा की गई है। म गणधर, श्री पार्श्वनाथ जी, श्री आदिनाथ जी, श्री| आप सभी श्रद्धान्तुजलों से पाप परी विन कामी जी, श्री घण्टाकर्ण जी की मणिभद्र जी एवं नवकार तीर्थ में पधारकर नवकार महामंत्र की साधन वीश्री पद्मावती माता जी के साथ-साथ विजय कर अपनी कर्म निर्जरा करें। स्थानकवासी द्वारा निर्मित नवकार कलश मन्दिर ain L eation international For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org

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