Book Title: Jainagam Siddh Murtipuja
Author(s): Bhushan Shah
Publisher: Chandroday Parivar

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Page 340
________________ जगह जगह निर्मित स्थानकवासी समाधिमन्दिर.... - (प्रभु के कल्याणको की जगह निर्मित तीर्थो में जाने का निषेध करने वाले खुद के गुरु समाधि मन्दिर कैसे बना लेते है ?....) मन्दिर में छोटे से दिपक में पाप माननेवालों का खुद के आडंबर में | रात में झगमगाती रोशनी में असंख्य तेउकायकी भयंकर विराधना आचार्य देवेन्द्र मुनि देवेन्द्र धाम, उदयपुर TE RASOHA पारसधाम – मुंबइ (बोरीवल्ली) पारसधाम – मुबइ (घायकोपर)। SEASONA Jain Education International For Personal & Private Use Only wwwmainenery.opg]

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