Book Title: Jainagam Pathmala
Author(s): Akhileshmuni
Publisher: Sanmati Gyan Pith Agra
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सुहविवाग सुत्तं निवाइए २ चेलुक्खेवे कए ३ आहयाओ देवदुदुहीओ ४, अंतरावि य णं : आगासंसि अहोदाणं २ घु? य ५। हत्यिणाउरे सिंघाडग जाव पहेसु वहुजणो अण्णमण्णस्स एवं आइक्खइ ४ धन्ने णं देवाणुप्पिया सुमुहे। गाहावई, सपुण्णेणं दे० कयत्थेणं दे० कयपुण्णे णं दे० कयलक्खणे णं० ., कयविहवे णं० सुलद्धे णं० । तस्स सुमुहस्स गाहावइस्स इमा एयारूवा : उराला माणुस्सरिद्धि लद्धा, पत्ता, अभिसमण्णागया ।
तए णं से सुमुहे गाहावई वहुई वासासयाई आउयं पालेइ २ त्ता. कालेमासे कालं किच्चा इहेव हत्थिसीसए णयरे अदीणसत्तुस्स रण्णो धारिणीए देवीए कुच्छिसि पुत्तत्ताए उववणे । तए णं सा धारिणी. देवी सयणिज्जंसि सुत्तजागरा ओहीरमाणी २ तहेव सीहं पासइ । सेस तं चेव जाव० उप्पि पासाए विहरइ । तं एवं खलु गोयमा सुवाहूणा इमा एयारूवा माणुस्सरिद्धी लद्धा पत्ता अभिसमण्णागया। 'पभू णं भंते ! सुवाहुकुमारे देवाणुप्पियाणं अंतिए मुंडे भवित्ता : आगाराओ अणगारियं पव्वइत्तए ?' हंता पभू ! तए णं से भगवं गोयमे समणं भगवं महावीरं वंदइ णमंसइ २ त्ता संजमेणं तवसा अप्पाणं भावेमाणे विहरइ । ___ तए णं से समणे भगवं महावीरे अण्णया कयाई हत्थिसीसाओ णयराओ पुप्फकरंडयाओ उज्जाणाओ कयवणमालप्पियस्स जक्खस्स . जक्खायतणाओ पडिनिक्खमइ २ त्ता वहिया जणवयविहारं विहरइ । तए णं से सुवाहुकुमारे समणोवासए जाए अभिगयजीवाजीवे जाव .. पडिलाभेमाणे विहरइ । तए णं से सुवाहुकुमारे अण्णया कयाई चाउद- . सट्ठमुदिट्ठ-पुण्णमासिणीसु जेणेव पोसहसाला तेणेव स्वागच्छइ २ त्ता . पोसहसालं पमज्जइ २ त्ता उच्चारपासवणभूमि पडिलेहेइ २ ता .. दम्भसंथारगं संथरेइ २ त्ता, दम्भसंथारगं दुरूहइ २ त्ता अट्ठमभत्तं . पगेण्हइ २ त्ता पोसहसालाए पोसहिए अट्ठमभत्तिए पोसहं पडिजागरमाणे २ विहरइ ।
तए णं तस्स सुवाहुस्स कुमारस्स पुव्वरत्तावरत्तकाले धम्मजा

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