Book Title: Jain Vidya ka Sanskrutik Avadan
Author(s): Ramchandra Dwivedi, Prem Suman Jain
Publisher: Adarsh Sahitya Sangh

View full book text
Previous | Next

Page 13
________________ १०६ ११२ १२१ १३८ ११. भट्टारक सकलकीति का संस्कृत चरितकाव्य को योगदान - डॉ. बिहारीलाल जैन १२. ग्रन्थों की सुरक्षा में राजस्थान के जैनों का योगदान डॉ० कस्तूरचन्द कासलीवाल १३. आचार्य भद्र बाहु और हरिभद्र की अज्ञात रचनाएं अगरचन्द नाहटा १४. जैन दर्शन में अहिंसा' डॉ० हुकुमचन्द भारिल्ल १५. भारतीय प्रमाणशास्त्र को जैन दर्शन का योगदान डॉ० गोकुलचन्द्र जैन १६. जैनाचार्यों का गणित को योगदान प्रो० लक्ष्मीचन्द्र जैन १७. जैन कला का योगदान प्रो० परमानन्द चोयल १८. जैन धर्म का सांस्कृतिक मूल्यांकन डॉ० नरेन्द्र भानावत १६. सोवियत गणराज्य और पश्चिम एशियाई देशों में जैन तीर्थ डॉ० ब्रजमोहन जावलिया २०. मालवा में जैन धर्म का ऐतिहासिक सर्वेक्षण डॉ० मनोहरलाल दलाल २१. महाराष्ट्र में जैन धर्म डॉ० विद्याधर जोहरापुरकर २२. मेवाड़ में जैन धर्म श्री बलवन्तसिंह मेहता १५० १५५ १६७ १७५ १८३ १८६

Loading...

Page Navigation
1 ... 11 12 13 14 15 16 17 18 19 20 21 22 23 24 25 26 27 28 29 30 31 32 33 34 35 36 37 38 39 40 41 42 43 44 45 46 47 48 49 50 51 52 53 54 55 56 57 58 59 60 61 62 63 64 65 66 67 68 69 70 71 72 73 74 75 76 77 78 79 80 81 82 83 84 85 86 87 88 89 90 91 92 93 94 95 96 97 98 99 100 101 102 103 104 105 106 107 108 109 110 111 112 113 114 115 116 117 118 119 120 121 122 123 124 125 126 127 128 129 130 131 132 ... 208