Book Title: Jain Tark Bhasha
Author(s): Ishwarchandra Sharma, Ratnabhushanvijay, Hembhushanvijay
Publisher: Girish H Bhansali

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Page 2
________________ पुन्य स्मरण इस ग्रंथ की रचना करने में जिनकी महती कृपा, अनुपम आशी: और अमृत - भरी दृष्टिसे मुझे प्रेरणा मिली है, उन गुरूदेव पू. प्रशान्तमूर्ति आचार्यदेव श्रीमद् विजय जितमृगाङ्कसूरीश्वरजी म. सा. के पावन चरणों में कोटिशः प्रणाम । खेद है - जिनकी प्रेरणा इस ग्रंथ की रचना और प्रकाशन में मूल कारण है - उनके जीवन काल में इस ग्रंथ का प्रकाशन नहीं हो सका । - आ. वि. रत्नभूषणसूरि मू.रू.२००/

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