Book Title: Jain_Satyaprakash 1941 03
Author(s): Jaindharm Satyaprakash Samiti - Ahmedabad
Publisher: Jaindharm Satyaprakash Samiti Ahmedabad

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Page 16
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir [२७४] શ્રી જૈન સત્ય પ્રકાશ [१५६ सूरीणां प्रतिष्ठतं च तच्चिरं तिष्ठतु श्री श्रेयांसनाथस्य । श्री बीकानेर में बंगलीके मूलनायकका लेख [९] || संवत् १९०५ वर्ष शाके १७७० प्रवृत्तमाने माघमासे स्युक पंचवासरे श्री. भ. उपकेशगच्छे वृद्धशाखायां श्रेष्ठगोत्रे वृद्धशाखायां श्रेष्ट गोत्र वेध (द) समस्त श्रीसिंघण श्रीश्रेयांसनाथस्य प्रतिष्ठा कगपितं श्रीकवलागच्छे भ. श्री देवगुप्तसूरिभिः । श्री। [१०] ॥ ९० ॥ सं. १५७६ वर्षे बोथिरागोत्रे सा जाणा पुत्र सा. केल्हणेन भार्या कवरदे पुत्र सा. पता सा. नेना सा. जयवन सा. जगमाल सा घडसीकादि यु. श्री. धर्मनाथ बिंबं कारितं श्री जिनहससूरिभिः माह वदि ११॥ [११] ॥ सं. १५०२ वर्षे फाल्गुन यदि २ दिने उकेशवंशे फसलागोत्रे सा. आजडसंताने सा. पूजा भार्या पूनादे पुत्र सा लालाकन भार्या:लाखणदे पुत्र सा छाजू तोलादि सहितेन स्वपुण्यार्थ श्री शांतिनाथवि कारित प्र. श्री खरतरगच्छे श्रीमन् श्रीजिनसागरसूरिभिः ॥ शुभ ॥ पद्मपुराणकी उत्पत्ति [ एक दिगम्बरीय शास्त्रके सम्बन्धमें एक दिगम्बर विद्वानका मत ] लेखक ---मुनिराज श्री दर्शन विजयजी बाबू सूरजभानु वकील-देवबन्दवालेने ता: ५ अगस्त सन् १९१८ में अपनी 'पद्मपुराण समीक्षा की भूमिका में दिगम्बर के तीन पुराणों की उत्पत्ति के लिए लिखा है कि "दिगम्बर समाज में राम रावण की कथा के लिए (१) रविषेणाचार्यकृत 'पद्मपुराण' (सत्तासमय विक्रमकी नवमी शताब्दि) (२) गुणभद्राचार्यकृत उत्तरपुराण (सत्तासमय विक्रमकी दसवीं शताब्दि) और (३) सोमसेनमुनिकृत रामपुराण देखने में आते हैं । “ कुछ कथन भेदके साथ 'पद्मपुराण' और वाल्मीकी रामायण के प्रायः सब ही विषय मिलते हैं, परन्तु 'महापुराण' में बहुत से विषय नहीं है और जो कुछ कथन महापुराण में है उसमें और पद्मपुराण के कथन में धरती-आकाशका अन्तर है । परन्तु इन दोनों ग्रन्थोमें इतना भारी अन्तर होने पर भी इनमें से किसी एकका कथन बहुत कुछ अंशो में वाल्मिकी रामायण से जरूर मिलता है" 'पद्मपुराण' और 'महापुराण' में कई बातों में मतभेद है। जैसाकि ... महापुराण-रामका जन्मस्थान---बनारस, माताका नाम सुबाला । 'पद्मपुराण-रामलक्ष्मणकी जन्मभूमि अयोध्या, रामकी माताका नाम कौशल्या है। महापुराण-सीताका जन्म रावण की रानी मन्दोदरी से हुआ, जिस For Private And Personal Use Only

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