Book Title: Jain Sahitya Sanshodhak Part 2
Author(s): Jinvijay
Publisher: Jain Sahitya Sanshodhak Samaj Puna

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Page 4
________________ ग्राहक वर्गने निवेदन - पहेला खंडनो छल्लो अंक बहार पड्यां पछी आजे लगभग दोढ वर करतार वधारे समय पछी आ अंक ग्राहकोना हाथमां उकतां अनारे ग्राहक वर्गने चुं निवेदन करवू ते काई मुझनु नथी. आ अंक पात्रवानी शरुआत संवत् १९७८ ना आखात्रीजना दिवस थई हती पण तनी नाति सं० १९७५ ना जैठना थाय है. आदला वधा विलंयनां कारणो आपी देवाची पग अत्रने के प्राहकवर्गन सन्ताय बाय तेज लागतुं नथी ती अने ए संबन्धनां जौनं सवार्यसाधकं नी नीतिने अनुसरी मृतकालने भूली जवानी भलातण करिए छीए; अने भविष्य बाटे आशा आपीर छीए के, हवे पछी जल बनशे तेज वेळासर ज ग्राहकांना हाथमा अंक पहुंची जाय तेबी दरेक कोशीश करवानां आवशे. __-मुनि जिनविजय. जैन साहित्य संशोधकना द्वितीय खण्डमां केवा केवा विषयो आवशे ते जाणवू होय तो आ नाचनी नोध ध्यानपूर्वक बांचो • बीजा खण्डमां, जैन बना प्राचीन गौरव उपर अपूर्व प्रकाश पाइनारा अनेक प्राचीन शिलालेखो अने ताम्रपत्री प्रकट थशे. वीजा सण्डल, जैन संघना संरक्षक जुदा जुदा गन्छानी पट्टावलियो प्रसिद्ध धशे. वीला खण्डमां जैन साहित्यना आभूषणनूत ग्रन्योना परिच्यो अने तेनी प्रशस्तिओ प्रसिद्ध थशे. बीजा खण्डनां, जैन अने बौद्ध साहित्यना नुलना करनारा प्रौढ अने गमीर लखो आवशे. वीजा खण्डनां, भगवान महावीर देवना निवाण सजय संबंधी जुदा जुद्रा विद्वानाए लखेला लेलोना मापान्तरो तथा स्वतंत्र लेन आवशे. बीजा खण्डमां, प्रो वेबग्नी लखला जन आगनानी विस्तृत समालोचना आपवामां आवशे. बीजा खण्डनां, जैन माहित्यनां झिखित प्राचीन स्थळीनां वर्णनो आवशे. वीजा खण्डमां, बौद्ध साहित्यलां जैनधर्मविषये शा शा विचारा लत्राएला के तेना विचित्र अने अज्ञातपूर्व उल्लेख अवशे. वीजा सण्डमां, जैन संबला आजपर्यंत थई गएला प्रसिद्ध पुरुषोना परिचयो आपवास आवशे. आ सिवाय बोजा पण अनेक नाना लोटा अपूर्व अपूर्व लेखो प्रकट करवानां आवशे अने सायं तवां ज मुन्दर. मनहर, दर्शनीय अने संग्रहाय अनेक चित्रों पण यथायोग्य आपवान आवशे. वळी, आ मण्डमां कटेलाक ऐतिहासिक प्राचीन प्रबन्धो; अने पट्टावालिओ पण इळ रूपे आपवानां आवनार छे. उदाहरण तरीके सेगनुगाचार्य विरचित विचारणि उपक्रशगच्छ, तपागच्छ, खरतर- : गञ्छ, बृहत्पोशालिक गच्छ आदिनी पट्टावली: जुना रासा; चैत्य परिपाटि तीर्थ माळा. अने विज्ञामि । इत्यादि. इत्यादि.

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