Book Title: Jain Ratnakar
Author(s): Keshrichand J Sethia
Publisher: Keshrichand J Sethia

View full book text
Previous | Next

Page 9
________________ श्री हंसराज बच्छराज नाहटा सरदारशहर निवासी द्वारा जैन विश्व भारती, लाडनं को सप्रेम भेंट - -m x cc wom. ५ चौरासी लाख योनि ६ चत्तारि मङ्गलं ७ चवीस्थर ८ चौवीस तीर्थङ्करों के नाम है वोस वहरमानों के नाम १० सोलह सतियों के नाम ११ इग्यारह गणवरों के नाम १२ नव आचार्यों के नाम १३ श्री वीर प्रार्थना १४ श्री भिक्षु भक्ति १५ श्री भिक्षु स्मृति १६ परमेष्ठी पञ्चकं १७ अरिहन्त पञ्चकं १८ सिद्ध पञ्चक १६ धर्माचार्य पञ्चक २० उपाध्याय पञ्चक २१ साधु पञ्चक २२ परमेष्ठी सप्तकं २३ अरिहन्त पञ्चकं २४ प्रार्थना

Loading...

Page Navigation
1 ... 7 8 9 10 11 12 13 14 15 16 17 18 19 20 21 22 23 24 25 26 27 28 29 30 31 32 33 34 35 36 37 38 39 40 41 42 43 44 45 46 47 48 49 50 51 52 53 54 55 56 57 58 59 60 61 62 63 64 65 66 67 68 69 70 71 72 73 74 75 76 77 78 79 80 81 82 83 84 85 86 87 88 89 90 91 92 ... 137