Book Title: Jain Nyaya ka Vikas
Author(s): Nathmalmuni
Publisher: Nathmal Muni

View full book text
Previous | Next

Page 157
________________ ( 141 ) प्रकलक 7 9 10 व्यक्ति समय न्याय-विषयक अन्य (ईसवी शताब्दी) શ્રાવી अष्टशती, लघीयस्त्रय, न्यायविनिश्चय प्रमारसग्रह, सिद्धिविनिश्चया, न्यय चूलिका નન્તીતિ ___9-11 वी बृहत्सर्वज्ञसिद्धि, लधुसर्वसिद्धि अनन्तवीर्य दसवी सिद्धिविनिश्चय टीका અનન્તવીર્ય ग्यारहवी प्रमेयरत्नमाला अभयतिलक चौदहवी न्यायालकारवृत्ति, तकन्यायसूत्र टीका, પક્વઝન્યાયતવ્યાથી अभयदव 10-11 वी तत्वोचविधायिनी टीका (वाद महाव) आशाधर (पडित) 1188-1250 प्रमेय रत्नाकर उमास्वाति पहली-दूसरी तत्वार्यसूत्र तया भाष्य कुन्दकुन्द दूसरी प्रवचनसार, नियमसार, पचास्तिकाय कुमारनन्दि पाठवी वादन्याय गुणरत्नमूरी 14-15 वी तक रहस्य दीपिका 14-15 वी रत्नाकररावतारिका टिप्पनक चन्द्रसेन 12-13 वी उत्पादसिद्धि परिकीति पडिताचार्य --- प्रमाणरत्नालकार । जिनदत्तमूरी तेरहवी पट्दर्शनसमुच्चय वृत्ति जिनपतिमूरी 13 वी પ્રવીવવાવત जिनभद्रगणी 5-6 विशेपावश्यक भाष्य क्षमाश्रमण जिनेश्वरसूरी 12-13 वी प्रमालक्ष्म सटीक देवनन्दि(पूज्यवाद) 6 સર્વાર્થસિદ્ધિ देवप्रभसूरी 12-13 वी न्यायावताटिप्पण देवभद्र 11-12 वी ન્યાયાવતારવત્તરી देवसेन दर्शनसार धर्मभूषण 14-15 न्यायदीपिका, प्रमाणविस्तार 11 12 जानचन्द्र 13 15 17 18 20 21 22 23 10

Loading...

Page Navigation
1 ... 155 156 157 158 159 160 161 162 163 164 165 166 167 168 169 170 171 172 173 174 175 176 177 178 179 180 181 182 183 184 185 186 187 188 189 190 191 192 193 194 195