Book Title: Jain Kavyaprakash Part 01
Author(s): Shravak Bhimsinh Manek
Publisher: Shravak Bhimsinh Manek
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croes ॥ भय वसंत, शगज्याल, द्रुपद, टपाधभाष, ॥ ॥ जाहिर होरीभांगवातां पहोनो समुदाय ॥
॥राणघभाषाजापोऋषलभषसे,गरोखापशुपाल भुडीलराजावोगामुडीलर पिसतीलराजावोगायुभायुजा निभजिर जगन्ना शरडी भटडीलराजाचोरापारतन डित शिरत्रजिरारेजंगील्डावडीलराजावोगाशाजाधि जान सतुभारोतारतीमोअपनोडराजावोगा ।
रागशणामहोहोहोरी को सजीनेभोव्याहभनायप नहोगाभलयोरे अज भोरपीघरोलरहोगुखासनहीनेरी महोगापायन भाटलरेडेशरसे, भृशभामंजरगोरीएमजप लरीलरीहोउन पियारी,गल्गाभिनी भितीगोरीजहोगा। इयतलतालभृगलये ध्वनि, रागरंगपित्त पोशाभघुजनसेंभि लीग्वातजावसज,खतनवरसहोरानहोगाआडेशरत्नरीज जोजपीलपत,छरछे सेखसोलोरी एनंगायेंहींओरवान्नूलावती, उरग्रही उंचनडोरीराजहोगागागावत शशसजेभिलगोपीजनभू सडे हसतमुहभोरीनंगीमांजारिणरोरधिजावती, पिनतिरत उरन्नेरीरामहोगापाय्युिटडीचे एसे उड़ेंडरो,रान्नुसच्याहछिन सोरीमानं प्रलुतुभचित्तलाने,भुशतीरभए नेशामगार
॥राधभाषावाऋतुजेलनडीमणमा,चनरापिस ताजपन्नजामतिषि'लताओधील डिसरप,जोलतजोष अनंतापारिवातिभाजिनरहुंहो,अहो मेरोजसनराला गोछेनेभशुनेह, विरहीवेनयुसहोमेजांजगीताजंजसो वन उतडी से, सेजलपतासाजतन्नाभीमनषिततोग नपिउसित,न्नेहोये प्रीतम पासाडिसेरणाशाभयवसभीरमजीरभरगन्नानंतर भगर घनसाशाजतन्नपभृशमकुंभ उशर घोषी,यापिनुलस्तारा डिसेगागालोग्नलाग्न
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