Book Title: Jain Kala evam Sthapatya Part 3
Author(s): Lakshmichandra Jain
Publisher: Bharatiya Gyanpith

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Page 16
________________ चित्र-सूची 269 क और ख. एक चित्रांकित पटली पर पशुओं की रेखाकृतियाँ, बारहवीं शताब्दी का पूर्वार्ध (इससे भी पहले के काल के लिए लेख देखिए), गुजराती या पश्चिम भारतीय शैली (जैसलमेर भण्डार) 270 क पटली पर तीर्थंकर के अभिषेक का चित्रांकन, ग्यारहवीं शताब्दी के अंतिम भाग से बारहवीं शताब्दी के प्रारंभिक भाग तक, (इससे भी पहले के काल के लिए लेख देखिए), गुजराती या पश्चिम भारतीय शैली (ला० द० संस्थान, अहमदाबाद) ख एक ताडपत्रीय पाण्डुलिपि में गज का चित्रांकन, बारहवीं शताब्दी का प्रथम चरण, (पहले मुनि जिनविजयजी के संग्रह में थी) ग एक ताडपत्रीय पाण्डुलिपि में सरस्वती का चित्रांकन, 1127 ई०, गुजगती या पश्चिम भारतीय शैली (शांतिनाथ भण्डार, खंभात) 271 क से घ तक. एक ताडपत्रीय पाण्डुलिपि में चित्रांकन, तेरहवीं शताब्दी, गुजराती या पश्चिम भारतीय शैली (जैसलमेर भण्डार) 272 क और ख. एक ताडपत्रीय पाण्डुलिपि में तीर्थंकर के अभिषेक और जन्म के चित्रांकन, 1370 ई०, गुजराती या पश्चिम भारतीय शैली (उझम्फोई धर्मशाला, अहमदाबाद) 273 एक पाण्डुलिपि की प्रशस्ति, विक्रम संवत् 1509 (1452 ई०), इसी में रंगीन चित्र 26 भी है (रा सं) 274 एक पाण्डुलिपि की प्रशस्ति, विक्रम संवत् 1474 (1417 ई०), इसी में रंगीन चित्र 27 भी है (रा सं) 275 क एक पाण्डुलिपि में तीर्थंकर के जन्म का चित्रांकन, 1367 ई०, गुजराती या पश्चिम भारतीय शैली (पहले मुनि जिनविजयजी के संग्रह में थी) ख एक पाण्डुलिपि में तीर्थंकर के पंचमुष्टि-लोच का चित्रांकन, लगभग चौदहवीं शताब्दी का अंतिम भाग, गुजराती या पश्चिम भारतीय शैली (जैसलमेर भण्डार) 276 क यशोधरचरित की पाण्डुलिपि में राजा यशोधर के अपनी पत्नी द्वारा स्वागत का चित्रांकन, 1494 ई०, गुजरात, कदाचित् सोजित्रा (निजी संग्रह) ख यशोधरचरित की पाण्डुलिपि में पन्ने के किनारों का चित्रांकन (पूर्वोक्त) 277 क और ख. यशोधरचरित की पाण्डुलिपि में पन्ने के किनारों का चित्रांकन (चित्र 276 क द्रष्टव्य) (निजी संग्रह) 278 क मरुदेवी के सोलह स्वप्न (प्रांशिक चित्र), आदिपुराण की पाण्डुलिपि में, 1404 ई०, योगिनीपुर (दिल्ली) उत्तर भारतीय शैली (निजी संग्रह) ख भविसयत्त के लौटने की प्रतीक्षा में कमलश्री, भविसयत्तकहा की पाण्डुलिपि में, लगभग 1430 ई०, (इसके इससे बाद के काल के लिए लेख देखिए) कदाचित् दिल्ली, उत्तर भारतीय शैली (निजी संग्रह) 279 क संगीतकार और नर्तक, महापुराण की पाण्डुलिपि से, लगभग 1420 ई०, (इसके इससे बाद के काल के लिए लेख देखिए), कदाचित् दिल्ली, उत्तर भारतीय शैली (दिगंबर जैन नया मंदिर, दिल्ली का संग्रह) ख भरत की सेना का प्रयाण, महापुराण की पाण्डुलिपि (पूर्वोक्त) 280 क राजसभा का संचालन करता इंद्र, पासणाहचरिउ की पाण्डुलिपि में, 1442 ई०, ग्वालियर, उत्तर भारतीय शैली (निजी संग्रह) ख राजा यशोधर का एक नर्तकी और संगीतकारों द्वारा मनोरंजन, जसहरचरिउ की पाण्डुलिपि में, लगभग __1440-50 ई., कदाचित् ग्वालियर, उत्तर भारतीय शैली (निजी संग्रह) (१०) Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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