Book Title: Jain Jagti
Author(s): Daulatsinh Lodha
Publisher: Shanti Gruh Dhamaniya

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Page 262
________________ जैन जगती, PROGRAM परिशिष्ट . २५-नृप चण्डप्रद्योत-यह उज्जैन का राजा था और बड़ा वोर था। राष्ट्रपति चेटक को एक कन्या शिवा का विवाह इसके साथ हुआ था। ___२६०-२६१-सम्राट खारवेल-यह कलिंग-सम्राट था। यह महामेघवान खारवेल के नाम से प्रसिद्ध है। बहुत कुछ अंशों में इसका संक्षिप्त वर्णन ऊपर आ चुका है । मगध-सम्राट नंदा वर्धन को इसने परास्त किया था । आंध्रभूपतियों को भी हराया था । यह अपने समय का महान राजा हुआ है। इतिहासकार भी इस बात को स्वीकार करते हैं । अब तो सम्राट खारवेल पर (गुजराती में ) बहुत पुस्तकें लिखी जा चुकी हैं। २६२-देखो नं० २२४ । २६३-तोरमाण तथा उसके पुत्र मिहिरिकुल का राज्य अवंती-प्रदेश पर ई० सन् की छठी शती में अच्छी प्रकार जम चुका था। लेकिन हूण लोग प्रजाजनों को अतिशय कष्ट देते थे। निदान सर्वप्रजाजन आबू पर्वत पर एकत्रित हुए और सबने हूणों से मन्दसोर के पास भारी रण किया और हूणों को सौ. राष्ट्र से बाहर निकाल दिया । डा० त्रिभुवनदास लहेरचन्दशाह अपने प्राचीन भारतवर्ष के इतिहास भाग ३ रा० पृष्ट ३११ पर लिखते हैं कि इस युद्ध में श्रीमाल, ओशवाल एवं पोरवालों ने शस्त्रास्त्र ग्रहण किये थे और इन तीनों ने सबसे-अधिक वीरता दिखाई थी। . २६४-६५ वागभट यह सौराष्ट्रपति महाराजा कुमारपाल के आमात्य उदयन का पुत्र था। नागभट भी इसका छोटा भाई

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