Book Title: Jain Gruhastha Ke Vrataropan Sambandhi Vidhi Vidhano ka Prasangik Anushilan
Author(s): Saumyagunashreeji
Publisher: Prachya Vidyapith

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Page 525
________________ प्रयुक्त ग्रन्थ सूची ...459 प्रकाशक वर्ष क्र. ग्रन्थ का नाम 27. आचार्य हरिभद्र के ग्रन्थों में श्रावकाचार 28. आवश्यकसूत्र सार्थ लेखक/संपादक अर्पणा चाणोदिया |2002 बरकतउल्ला |विश्वविद्यालय, भोपाल श्रीरत्न जैन पुस्तकालय अहमदनगर सं. कुन्दनऋषिजी |1986 29. उत्तराध्ययनसूत्र सं. मधुकरमुनि 1884 आगमप्रकाशन समिति, ब्यावर वादिवेताल शान्त्याचार्य 30. उत्तराध्ययनटीका (भा.1-3) 31. उपांग सुत्ताणि (खं.1-3) आ. महाप्रज्ञ जिनशासन आराधना ट्रस्ट, मुंबई जैन विश्व भारती, लाडनूं आगमप्रकाशन समिति, वी.सं. 2517 वि.सं. |2049 |1989 उपासकदशासूत्र सं. मधुकरमुनि ब्यावर 33. उपासकदशा आ. अमोलकऋषि 1972 |34. उवासगदसाओ आ. अभयदेवसूरि वि.सं. सिकंदराबाद जैनसंघ, हैदराबाद |पं. भगवानदास हर्षचन्द्र जेनानन्द पुस्तकालय गोपीपुरा, सूरत राजधनपतसिंह बहादुर, अजीमगंज सुखाड़िया विश्व- विद्यालय, उदयपुर 35. उपासकदशा टीका आ. अभयदेवसूरि 1933 सुभाषचन्द कोठारी 1985 |36. उपासकदशांगसूत्र का आलोचनात्मक अध्ययन 37. उपदेशप्रासाद भाग.1-5) 38. उपदेशमाला विजयलक्ष्मीसूरि श्री वर्द्धमान जैन तत्त्व 1997 प्रचारक विद्यालय, शिवगंज धर्मदासगणि, अनु. निम्रन्थ साहित्य 1971 पद्मविजय अनु. ज्ञानभूषणजी दिगम्बरजैन समाज 39. उपासकाध्ययन 1987

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