Book Title: Jain Gruhastha Ke Vrataropan Sambandhi Vidhi Vidhano ka Prasangik Anushilan
Author(s): Saumyagunashreeji
Publisher: Prachya Vidyapith

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Page 531
________________ प्रयुक्त ग्रन्थ सूची ...465 प्रकाशक क्र. ग्रन्थ का नाम ho2. प्रज्ञापनासूत्र लेखक/संपादक सं. मधुकरमुनि वर्ष 1993 आगमप्रकाशनसमिति, ब्यावर ho3. प्रश्नव्याकरणसूत्र सं. मधुकरमुनि 104. प्रवचनसारोद्धार अनु. हेमप्रभाश्री (भा.1-2) ho5. प्रवचनसारोद्धार वृत्ति सिद्धसेनसूरि प्रव्रज्यायोगादिविधि संग्रह ho7. प्रवचनसार संपा. अजितशेखर विजय अनु.पं. परमेष्ठीदासजी आ. महाप्रज्ञ |सं. मधुकरमुनि आगमप्रकाशनसमिति, 1990 ब्यावर प्राकृत भारती अकादमी, जयपुर भारतीय प्राच्य तत्त्व 1979 प्रकाशन समिति, पिंडवाडा || | दिव्यदर्शन ट्रस्ट, वि.सं. धोलका 2054 |पं. टोडरमल स्मारक वि.सं. ट्रस्ट, जयपुर 2006 जैन विश्व भारती, लाडनूं |1983| आगमप्रकाशनसमिति 1994 ब्यावर हीरालाल खुशालचंद 1990 दोशी, फलटण (मांडवे) गीताप्रेस, गोरखपुर ho8. भगवतीसूत्र h09. भगवतीसूत्र 110. भगवती आरकाधना 111. भगवद्गीता |पं. कैलाशचन्द्र शास्त्री टी.जयदयाल गोयन्दका आचार्य देवसेन 2004 112. भावसंग्रह वि.सं. सखारामदोषी, फलटणगली, सोलापुर जैनविश्वभारती, लाडनूं 2454 113. भिक्षुआगम विषय कोश आ. महाप्रज्ञ (भाग.1-2) 114. मनुस्मृति संपा.पं. जनार्दनझा अ.भा. हिन्दी पुस्तकालय वि.सं. एजेंसी हरिसन रोड, 1983 कलकत्ता

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