Book Title: Jain Gruhastha Ke Vrataropan Sambandhi Vidhi Vidhano ka Prasangik Anushilan
Author(s): Saumyagunashreeji
Publisher: Prachya Vidyapith

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Page 534
________________ 468... जैन गृहस्थ के व्रतारोपण सम्बन्धी विधियों का प्रासंगिक .... 1944 1996 क्र. ग्रन्थ का नाम लेखक/संपादक प्रकाशक वर्ष 141. समवायांग (वृत्तिसहित) आचार्य अभयदेवसूरि आगमोदय समिति, 1919 सूरत 42. सम्यक्त्व सप्ततिकाः विबुधविमलसूरि नगीनभाई धेलाभाई 1916 जवेरी मुंबई 143./समयसार संपा. पन्नालाल जैन । श्री परमश्रुत प्रभावक 1982 | मंडल, श्रीमद् राजचन्द्र आश्रम, अगास 44. सर्वार्थसिद्धि अनु.पं.फूलचन्द शास्त्री भारतीय ज्ञानपीठ, नई दिल्ली 145. सन्मार्ग (पत्रिका) आचार्य कीर्तियशसूरि | सन्मार्गप्रकाशन, |2003/ रीलिफ रोड, अहमदाबाद 2004 146. समत्वयोग एक डॉ. प्रीतम सिंधवी नवदर्शन सोसायटी, समन्वय दृष्टि गुलबाई टेकरा, अहमदाबाद 147. सप्तोपधानविधि मुनि मंगलसागर जिनदत्तसूरिज्ञानभंडार, वि.सं. 2009 h48. सामायिक एक समाधि |सं.मुनिचंद्ररत्नसागर रत्नसागर प्रकाशन वि.सं. निधि, ऐरोड्रम रोड, 2054 इन्दौर h49.स्वाध्यायसमुच्चय आ. जयंतसेनसूरि राजेन्द्रसूरिज्ञान मंदिर रतनपोल, अहमदाबाद 2004 150. सामाचारी तिलकाचार्य डाह्याभाई मोकमचंद, वि.सं. पांजरापोल, अहमदाबाद |1990 151. सामायिकसूत्र ले. अमरमुनि सन्मति ज्ञानपीठ, 1966 आगरा 152. सागारधर्मामृत अनु.पं. कैलाशचन्द्र | भारतीय ज्ञानपीठ, नई 1944 दिल्ली सूरत वि.सं. शास्त्री

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