Book Title: Jain Dharm ke  Prabhavak Acharya
Author(s): Sanghmitrashreeji
Publisher: Jain Vishva Bharati

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Page 432
________________ ४१० जैन धर्म के प्रभावक आचार्य ४३ भद्रवाहु (द्वितीय) १ प्रवन्धकोश, पताक २ से ४ तक २ प्रबन्ध चिन्तामणि, पत्राक ११८ से ११६ ३ पुरातन प्रवन्ध सग्रह, पनाक ६१ ४४ जिनभद्रगणी क्षमाश्रमण-१ जैन साहित्य का वृहद इतिहास, भाग ३ प्रस्ताविक, पत्राक १३ से १५ २ विशेपावश्यक भाष्य ४५ पान स्वामी १ आप्त परीक्षा प्रस्तावना, पत्राक २४ व २५ २ आदि पुराण प्रस्तावना ३ सिद्धिविनिश्चय टीका प्रस्तावना ४६ आचार्य मानतुग १ प्रभावक चरित, पन्नाक ११२ से ११७ २ पुरातन प्रवन्ध सग्रह, पनाक १५ व १६ ३ प्रबन्ध चिन्तामणि, पनाक ४४ व ४५ .४७ अकलक १ न्यायकुमुदचन्द्र प्रस्तावना २ अकलक ग्रन्थ त्रय ४८ जिनदाम महत्तर १ नन्दीसूत्र प्रस्तावना २ निशीथ एक अध्ययन ३ जैन साहित्य का वृहद् इतिहास, भाग ३, पत्राक ३१-३२ ४६ हरिभद्र १ प्रभावक चरित, पनाक ६२ से ७५ २ प्रबन्धकोश, पन्नाक २४ से २६ ३ पुरातन प्रबन्ध सग्रह, पन्नाक १०३ से १०५ - ५० बप्पभट्टि १ प्रबन्धकोश-बप्पट्टि सूरि प्रवन्ध, पनाक २६ से ४६ २ विविध तीर्थकल्प, पन्नाक १८ व १९ ३ प्रभावक चरित, पत्राक ८० से १११ ४ पुरातन प्रवन्ध सग्रह, पन्नाक ६८ व ९६ ५ प्रबन्ध चिन्तामणि, पनाक १२३

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