Book Title: Jain Dharm ke  Prabhavak Acharya
Author(s): Sanghmitrashreeji
Publisher: Jain Vishva Bharati

View full book text
Previous | Next

Page 441
________________ परिशिष्ट २ ४१६ आचाराग वृत्ति वृत्तिकार-शीलाकाचार्य प्रकाशक आदि पुराण लेखक-आचार्य जिनसेन प्रकाशक-भारतीय ज्ञानपीठ, मूर्ति देव जैन ग्रन्थमाला आप्त परीक्षा लेखक-श्रीमद् विद्यानन्द प्रकाशक-चीर सेवा मन्दिर, सरसावा आयारो वाचना प्रमुख-आचार्यश्री तुलसी सम्पादक, विवेचक-मुनि नथमल जी (वर्तमान मे युवाचार्य श्री महाप्रज्ञ ) 'प्रकाशक-जैन विश्व भारती, लाडनू आवश्यक चूणि चूणिकार-जिनदासगणी महत्तर प्रकाशक-आगमोदय समिति, बम्बई आवश्यक भाष्य आवश्यक मलयगिरि वृत्ति आवश्यक हारिभद्रीया वृत्तिटिप्पणक मल्लधारी हेमचन्द्र कृत आहेत् आगमोनु अवलोकन प्रणेता-हीरालाल रसिकदास कापडिया इष्टोपदेश लेखक-देवनन्दी (पूज्यपाद)

Loading...

Page Navigation
1 ... 439 440 441 442 443 444 445 446 447 448 449 450 451 452 453 454 455