Book Title: Jain Dharm ke  Prabhavak Acharya
Author(s): Sanghmitrashreeji
Publisher: Jain Vishva Bharati

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Page 447
________________ परिशिष्ट २ ४२५ तेरापथ का इतिहास लेखक-मुनि बुद्धमल जी, साहित्य परामर्शक प्रकाशक-जैन श्वेताम्बर तेरापथी सभा, कलकत्ता दशवंआलिय वाचनाप्रमुख-आचार्य श्री तुलसी सम्पादक, विवेचक --मुनि नथमल जी (वर्तमान मे युवाचार्य श्री महाप्रज्ञ) प्रकाशक-जन विश्व भारती, लाडनू दशर्वकालिक चूणि लेखक-अगस्त्यसिंह प्रकाशक-आगमोदय समिति, बम्बई दशवकालिक हरिभद्रीया वृत्ति दशवकालिक नियुक्ति 'नियुक्तिकार-भद्रवाहु (द्वितीय) दशाश्रुतस्कन्ध नियुक्ति लेखक-भद्रवाहु (द्वितीय) द्रव्य-सग्रह सम्पादक-दरवारीलाल कोठिया, गणेश प्रसाद वर्णी, जैन ग्रन्थमाला दादा श्री जिनकुशल श्री लेखक-अगरचन्द भवरलाल नाहटा प्रकाशक The Jain sources of the history of ancient India writer · Jyoti Parsad Jain द्वात्रिंशत् द्वातिशिका-१, २, ३, ४,५ सम्पादक-विजय सुशील सूरि

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