Book Title: Jain Dharm ke  Prabhavak Acharya
Author(s): Sanghmitrashreeji
Publisher: Jain Vishva Bharati

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Page 434
________________ ४१२ जैन धर्म के प्रभावक आचार्य २ पञ्च सग्रह प्रस्तावना ६२ माणिक्यनन्दि १ आप्त परीक्षा प्रस्तावना, पृ०२६ से २७ २ न्यायकुमुदचन्द्र प्रस्तावना ६३ अभयदेव १ आप्त परीक्षा प्रस्तावना, पृ० ३६ २ न्यायकुमुदचन्द्र प्रस्तावना ६४ वादिराज १ न्यायविनिश्चयविवरण प्रस्तावना ६५ शान्ति १ प्रभावक चरित, पृ६ १३३ से १३७ २ जैन साहित्य का वृहद् इतिहास, भाग ३, पृ० ३८६ से ३८६ ६६ प्रभाचन्द्र १ आप्त परीक्षा प्रस्तावना, पृ० ३० से ३३ २ न्यायकुमुदचन्द्र प्रस्तावना, पृ० ११६ ६७ नेमिचन्द्र (सिद्धान्त-चक्रवर्ती) १ वृहद् द्रव्य सग्रह प्रस्तावना २ प्राकृत साहित्य का इतिहास ३ द्रव्य सग्रह प्रस्तावना ४ गोमट्टसार प्रस्तावना ६८ जिनेश्वर-- १ खरतरगच्छ बृहद् गुर्वावलि, पृ०६० २ प्रभावक चरित (श्री अभयदेव चरित), १० १६१, १६२ ३ ऐतिहासिक जैन काव्य-सग्रह ४ युगप्रधान श्री जिनचन्द्र सूरि, पृ०१० से १२ ६६ अभयदेव टीकाकार १ पुरातन प्रबन्ध सग्रह, पृ० ६५ से ६६ २ प्रभावक चरित, पृ० १६१ से १६६ ३ प्रबन्ध चिन्तामणि, पृ० १२१ ४ खरतरगच्छ वृहद् गुर्वावलि, पृ० ६ से ८ ७० जिनवल्लभ १ ऐतिहासिक जैन काव्य संग्रह

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