Book Title: Jain Dharm Darshan Part 05 Author(s): Nirmala Jain Publisher: Adinath Jain Trust View full book textPage 119
________________ Pooooo Popper सचित्त-पिहणया कालाइक्कमे परववएसे मच्छरियाए साधु को नहीं देने की बुद्धि से अचित्त वस्तु को सचित से ढक देना। भिक्षा का समय टाल कर भावना की हो। आप सूझता होते हुए दूसरों से दान दिलाया हो। मत्सर भाव से दान दिया हो। 120kaPage Navigation
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