Book Title: Jain Dharm
Author(s): Sushilmuni
Publisher: A B Shwetambar Sthanakwasi Jain Shastroddhar Samiti

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Page 246
________________ -- क्रम । - - नाम सम्राट निम्बसार m प्रजातशत्र = = m - - उदयन महापद्म चन्द्रगुप्त बिन्दुमार अशोक मौर्य و ش भारतवर्ष के ऐतिहासिक क्षत्रिय जैन सम्राट् तथा भूपति वश | शासन-काल इस्नी पून । कुल वर्ष । राजधानी विशेप विवरण शिशुनाग ५४३---४६१ । ५२ । राजग्रह उपनाम श्रेणिक, भ० महावीर के मोमा। ४६१-~~-४५६ पाटलीपुत्र | उपनाम, कोणि, बुद्ध के गम कालीन। ४५६-४१३ सिकन्दर भारत मे पाया ३२३----- ३२२-१६८ भारत प्राया। मौर्य २६८-१७३ २७३-~-२३२ भारत का महान् मम्राट् गज्य के केवल चार वा न रहा फिर पाद बन गया। अगोता का पोस। चदी १७७-~१५२ लिग कोलग निजग किया। मन् ७८ ईस्वी बीन्द-मन में दो सम्प्रदाय हुए। परमार ३७५ उज्जैन नीनी यानी फाहियान पाया। परमार नीनो गाती हेनगाग पाया। राष्ट्रकूट तोमर १०००-१०५० श्रावस्नी | गैगद गालार मराजा को पद ग मारा। चालुक्य ११४२----११७३ महिनपुर परिहार दिलली पार मे गहलो टारनवाला जैन धर्म is सम्प्रति खारवेल कनिक विक्रमादित्य " AAM कन्नौज ७५० अमोघवर्ग सहिल देवराय कुमारपाल हेम् (हेमराज) . - - meenaweiomonam

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