Book Title: Jain Darshan me Karan Karya Vyavastha Ek Samanvayatmak Drushtikon
Author(s): Shweta Jain
Publisher: Parshwanath Shodhpith Varanasi

View full book text
Previous | Next

Page 3
________________ पार्श्वनाथ विद्यापीठ ग्रंथमाला सं० १५९ जैन दर्शन में कारण-कार्य व्यवस्था : एक समन्वयात्मक दृष्टिकोण (काल, स्वभाव, नियति, पूर्वकृतकर्म, पुरुष/पुरुषार्थ का विवेचन) लेखिका - डॉ० श्वेता जैन प्रथम संस्करण : 2008 ISBN : 61.8675.94.0 © पार्श्वनाथ विद्यापीठ, वाराणसी मूल्य : 600/- रुपये प्रकाशक पार्श्वनाथ विद्यापीठ, आई०टी०आई० रोड, करौंदी, वाराणसी, दूरभाष : 0542-2575890, 2575521 Email : pvri@sify.com, Web : parshwanathvidyapeeth.org प्राच्य विद्यापीठ, शाजापुर, दूरभाष : 07364-222218 के लिए क्रमश: सचिव एवं मानद् निदेशक - प्रो० सागरमल जैन द्वारा प्रकाशित अन्य प्राप्ति-स्थान डॉ० श्वेता जैन, 'समता कुंज', 12/7A, जालम विलास स्कीम पावटा 'बी' रोड, जोधपुर, ३४२००६, फोन नं. 0291-2541052 राजस्थानी ग्रन्थागार, सोजती गेट, जोधपुर फोन नं. 0291-2623933 (O), 0291&2657331 (R) टंकण सज्जा : श्री कमलेश मेहता, जोधपुर अक्षर समायोजन : श्री सुनील कुमार, ऐड विज़न, वाराणसी मुद्रक : वर्द्धमान मुद्रणालय, भेलूपुर, वाराणसी-221010 Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

Loading...

Page Navigation
1 2 3 4 5 6 7 8 9 10 11 12 13 14 15 16 17 18 19 20 21 22 23 24 25 26 27 28 29 30 31 32 ... 718