Book Title: Jail me Mera Jainabhayasa
Author(s): 
Publisher: ZZZ Unknown

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Page 450
________________ * जेल में मेरा जैनाभ्यास * [तृतीय na.ANAMARANrNAAAAAAna... वासुदेवके पहिले जन्म लेते हैं अर्थात् वासुदेवसे 'दोनोंकी मातेश्वरी अलहदा-अलहदा होती हैं, पर में जब ये गर्भ में आते हैं तो इनकी माता चार मे हैं । बादमें जन्म लेकर अनेक वैभव व । इनका वैभव वासुदेवके मुकाबिले आधेसे ह. इन दोनों भाइयों में असीम प्रेम होता है। राज्य करते हैं और तीनों खण्डका साधन करते - कर नरक जाते हैं। वासुदेवकी मृत्युके बाद तारण करके महातपस्या करते हैं और अन्तमें

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