Book Title: Jail me Mera Jainabhayasa
Author(s): 
Publisher: ZZZ Unknown

View full book text
Previous | Next

Page 453
________________ * लोक अधिकार तीनों लोकोंका विस्तार घनाकार जो ३४३ खण्ड ] उसका हिसाब इस प्रकार है: निगोदसे सातवें नरक तक सातवें नरकसे छठे नरक तक छठे नरकसे पाँचवें नरक तक पाँचवें कसे चौथे नरक तक चौव नरकसे तीसरे नरक तक तीसरे नरकसे दूसरे नरक तक दूसरे नरकसे पहिले नरक तक पहिले नरकसे तिरछे लोक तक पहिला दूसरा देव लोक तीसरा- चौथा देव लोक पाँचवाँ छठा देव लोक सातवाँ आठवाँ देव लोक नवव-दसवाँ देव लोक ग्यारहवाँ-बारहवाँ देव लोक नवयैवेयक के देव लोक पाँच अनुत्तर विमान सिद्ध क्षेत्र

Loading...

Page Navigation
1 ... 451 452 453 454 455 456 457 458 459 460 461 462 463 464 465 466 467 468 469 470 471 472 473 474 475