Book Title: Hindi Jain Sahitya ka Bruhad Itihas Part 2
Author(s): Shitikanth Mishr
Publisher: Parshwanath Shodhpith Varanasi

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Page 658
________________ ३४३ ग्रन्थ अनुक्रमणिका जंबूद्वीप विचार स्तवन ५४१,२३८ जिन प्रतिमा छबीसी २५७ . जंबूद्वीप रास १३१, १३४ जिन बिंब स्थापना स्तवन १७६ जंबू स्वामी गीतम् ५१९ जिनवर स्वामी वीनती ५५२ जंबू स्वामी चरित्र १७८, १७९ जिनरंग सूरि गीतानि ७८ जंबू स्वामी बेलि ६०९, ३१४ जिनराज स्तुति ६४, ६६ ३१५ जिनराज चौपई १५५ जंबू स्वामी चौ० ३३०, ३३२, जिनराज सूरि रास ४९९, १८३, ४०७, ४१७ १५५ जंबू स्वामी रास २५९, ३९२, जिन राज सरि गीतम् ५७४ २०६, २०८ जिनलाडू गीत ४०७, ४१६ जंबू स्वामी रास (पंचम चरित्र) जिन सहस्र नाम वर्णन ३७५ जिनसागर सूरि अवदात गीत जंबू स्वामी ब्रह्मगीता ३७७ १८५, ५७० जिन आंतरा ३१४, ३१५ जिनसागर सूरि निर्वाण रास १८५ जिन गुणप्रभ सूरि प्रबंध अथवा जिनसागर सरि रास १८४, २४१, धवल १८५ २४२ जिनचंद सूरि अकबर प्रतिबोध जिनसिंह सूरि सपादाष्टक ५१२ रास ४३०, ४८३, ९२ जिनसिंह सूरि रास ५५८ जिनचंद सूरि गीत ७३ जिनहिता टीका २० जिनचंद सूरि निर्वाण रास ५०७, जिह्वादंत संवाद ५५२ ५०८ जीभदांत वाद ५७८, ५८१ जिनचंद सूरि रास ४३०, ४३३ ।। जीरावली पार्श्वनाथ स्तवन ८९ जिनचैत्य परिपाटी स्तवन ११२ जीव उत्पत्ति नी संञ्झाय (या) जिन चौबीसी ५० (तंदुल वेयाली सूत्र संञ्झाय जिनतिलक सूरि स्तुति १८७ या गर्भावास संञ्झाय या जिनदत्त रास ३८२, ३८३, ३८४ वैराग्य संञ्झाय ५०१) जिन पालित जिनरक्षित चौढा- जीवकाया गीतम् ५१९ लिया ४२४ जीवदया रास ४७१ जिन पालित जिनरक्षित रास ७३, जीवप्रतिबोध गीतम् ५१९ ७४, ३६०, १९० जीवप्रतिबोध संज्झाय ६१० जिन पालित संञ्झाय ७०, ६८ जीवत स्वामी रास ५३ जिन पालित जिनरक्षित संधि जीवंधर चरित्र २०६ १०७; १०८ जोवंधर रास २०६ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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