Book Title: Hindi Jain Sahitya ka Bruhad Itihas Part 2
Author(s): Shitikanth Mishr
Publisher: Parshwanath Shodhpith Varanasi
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४४४
६५८
मरु-गुर्जर जैन साहित्य का बृहद् इतिहास सोलसती भाष अथवा संज्झाय हरिश्चन्द्र रास या चौपई ४४३,
३६३, ३६५ सोल सत्तवादी ११९, १२० । हरिश्चन्द्र राजा नो रास ६७ सोलहकरण रास १४६
हरिश्चन्द्र चौपई ५८३ सौभाग्य पञ्चमी चौपइ ७८ हरिश्चंद्र राजा रास ७२ सौभाग्य पञ्चमी स्तुति २८८
हरिषेण श्रीषेण रास २३७
हित शिक्षा गीतम् ५१९ सौभाग्य पञ्चमी अथवा ज्ञान
हित शिक्षा रास ५३, ६० ६४ पञ्चमी स्तव ४३६ ।
हिण्डोलना गीत १०४
हिन्दी जैन साहित्य ९५ हंसाउली रास ६०९
हिन्दी पद संग्रह १०४ हंसागीत या हंसभावना हंसा- हिन्दी साहित्य का आदिकाल तिलकरास ३२
१०८ हंसराज वच्छराज रास १८६, हिन्दी साहित्य का वृहद् इतिहास १८७
२०१ हंसराज वच्छराज चौपइ ३४५, हीयाली ५७८
हीरविजय पुण्यखानि ४८८ हंसराज वच्छराज प्रबन्ध ४६०, हीरविजय सूरि निर्वाणरास ४८८
होरविजय सूरि निर्वाण सलोको हनुमान चरित १९८
४८० हनुमच्चरित्र ३३, ३२
हीरविजयसूरि निर्वाण स्वाध्याय हनुमन्तरास ४०७, ४०९ हनुमन्त कथा २८
हीरविजय सूरि निर्वाण २८४ हरिकेशी सन्धि ७३,७४
हीरविजय सूरि सूरिनो वारबोल
रास ६२, ५३ हरिकेशी बलचरित्र ४७ हरिनी संवाद २३१
हीरविजय सूरि पुण्यखाणिसंज्झाय
१६४ हरिबल चौपई २१४, २१५, ४४८ हरिबली सन्धि ७३
हीरविजय सूरि ना १२ बोल हरियाली ३७५, ३७६ हरिरस ४६
हीरविजय सूरि रास १६५, १६६, हरिवंश पुराण ४९४
६, ६२, ५३, ५९७, २८५, हरिश्चन्द्र रास ५२३, ५२४
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