Book Title: Hindi Jain Sahitya ka Bruhad Itihas Part 2
Author(s): Shitikanth Mishr
Publisher: Parshwanath Shodhpith Varanasi
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६७०
धर्ममूर्ति सूरिशिष्य २४६ धर्ममूर्ति १९२, ४६१, ८१, ३८५, ३६५, ३६२, ५२७, २४६
धर्म मेरु ४३४, २४५
धर्मरत्न २४६ धर्मवर्द्धन ११९
धर्मविजय ५४१, ५४३, २३८ धर्मसागर ( उपा० ) ५०३, १२१,
१०५, २०, ३५, ६२ धर्मसागर सूरि ३९०, ३९१, २२२ (ब्रह्म) धर्मसागर २४७, ५८४,
५८३ धर्मसिंह १७२, २४७, २४८, २९१,
२९२, ६१४
धर्म सी १५२ धर्मसुन्दर २२३
धर्मसुन्दर सूरि ३९१ धर्मसुन्दर गणि ८२
धर्महंस II २५० धर्महंस २४९ धर्महर्ष १४४
न
नगर्षि गणि (नगा ऋषि) २५१,
२५२, ६१४
नंद ३५६
नंद कवि २५४, २५६
मरु-गुर्जर जैन साहित्य का बृहद् इतिहास
नयरत्न शिष्य २६१ नयविजय गणि ३७०, ३७१, ३७४ नयविजय १०१, २५९ नयविमल ४६६, २५९
नयविलास २६०
नयसागर उपा० २६०
नयसुन्दर ६०, ५९८, २६१, २६२,
२६६
नंद दास १ नन्नसूरि २५६
नबुदाचार्य (नर्मदाचार्य) २६७
नयन कमल ६४
नयनसुख २५६ नयनदि १८८
नयरग ४००, ४०, ४८५, २५७
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नयनसुन्दर २६६ नरसिंह राव ६९ नरेन्द्र कीर्ति २६८
नल ११०
नवलराम २६९ नाथी १०१
नाथूराम प्रेमी ३९, ९०, ३१०,
३१२, ३९५, ४१८, ४५९,
५९६
नानजी १९१,२७० नानिग ९१
नागिल दे ९३
नानू गोधा १८९
नाभादास १९
नामादास १९
नारद ४१० नारायण भंडारी २१५
नारायण भंडारी I २७१
नारायण भंडारी II २७३
निपुणा दलाल १६७
नोबो २७४
नुसरत शाह ३
नूनो १
नेमि २०८ नेमकुमार ४०८
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