Book Title: Hindi Jain Sahitya ka Bruhad Itihas Part 2
Author(s): Shitikanth Mishr
Publisher: Parshwanath Shodhpith Varanasi
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६५१
ग्रन्थ-अनुक्रमणिका लोका शाह नौ सलोको ११५ वासुपूज्य मनोरम फाग ८६ लोका पर गरवो ५७३
वासुपूज्य की धमाल ३५ लोका मत निराकरण चौपई ५५०,
व्यापारी रास ५८९ ५५१
विक्रम खापरा चोर रास ३६८ लोचन काजल संवाद १६७, १६८ विक्रम चरित १ लोद्रबा गीत १७७
विक्रमचरित्र ३३९ लौकिक ग्रन्थोक्त धर्माधर्म विचार विक्रम पंचदण्ड चौपई ३५३, ३५५ सूचिका चतुःपदिका ११७ विक्रमराय चरित्र ४५७
विक्रमसेन शनिश्चर रास ५४०, वछराज देवराज चौपई ९०, १५०
५४१ वणजारा गीत ४१९
विक्रमादित्य कुमार चौपई ४४२ वर्धमान जिनस्तव (पंचकल्याणक)
विचार ग्रन्थ बालावबौध ६१७
विचार चौसठी २५६ वर्द्धमान पुराण भाषा २६९
विचार मंजरी १५१ वंभन वाड मंडन महावीर फाग
विचार स्तव बालावबध ६१४
विजयतिलक सूरि रास २१० । १२६, १२४ वयरस्वामी चउपइ १७२।
विजयप्रशस्ति ५९६, १०१, २० वरकाणा यात्रा स्त० २४१
विजय सेठ विजया सेठानी रास वरदत्त गुणमंजरी बालावबोध ६१४
in अथवा कृष्णपक्षीय शुक्लवर्षफलाफल संज्झाय ५५८
पक्षीय रास ३९६ वसंत विद्याविलास ५५२
विजय सेठ चौपई ४०४ वसुदेव प्रबन्ध १५५
विजय सेठ विजया सेठानी स्वल्प वस्तुपाल तेजपाल रास ६२३, प्रबन्ध ५६८ __३०५, ५१४, ५१५
विजय सेठ विजया शेठानी रास व्रतविचार रास ५३
४०६ ब्रह्म रायमल्ल एवं भट्टा० त्रिभ- विजय सेठ विजया सेठानी प्रबन्ध
वन कीति : व्यक्तित्व एवं १९५ कृतित्व २०८
विजयसिंह सूरि रास १२४, ब्रह्मविलास २४
२१२ व्यसन सत्तरी ५२५
विजयसिंह सूरि रास या विजय. वाग्भट्टालंकार वृत्ति १२१
प्रकाश रास १२७ वार्त्तारास ३२१
विजयसेनसूरि निर्वाण स्वाध्याय वारव्रत संज्झाय ५७५
१२४, ४६८
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