Book Title: Hindi Jain Sahitya ka Bruhad Itihas Part 2
Author(s): Shitikanth Mishr
Publisher: Parshwanath Shodhpith Varanasi

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Page 665
________________ ६४६ प्राचीन तीर्थमाला संग्रह १६४, ३८० प्राचीन तीर्थ संज्झाय ४९२ प्राचीन फागु संग्रह ४७५, ३९५, ३५६, ८७, ७१ प्राचीन मध्यकालीन बारमासा २९२ प्राचीन स्तवन संज्झाय संग्रह ५६८ प्राचीस स्तवन रत्नसंग्रह २९२ प्रास्ताविक दोहा २०१ पिंगलसार वृत्ति २० पिंगल शिरोमणि १०७ fis विशुद्धि दीपिका २० प्रियंकर चौपइ १९४, १९२ प्रियंकर नृप चौपई १२७ प्रीत छत्तीसी ९७ पृथ्वीचंद कुमार रास २२८, २२९ पुञ्ज ऋषि चौपइ ५१४ पुञ्ज मुनि नो रास २२० पुण्य छत्तीसी ५१७ पुण्य पाप रास ५६५ संग्रह १६८, १५९ प्रेमविलास १५२ प्राचीन संज्झाय तथा पदसंग्रह प्रेमविलास प्रेमलता चौपइ १५४ प्रोषध विधि २०, पोषध विधि प्रकरण टीका १७५ पोसीना पार्श्वनाथ स्तवन ४७९ पुण्य प्रकाश स्तवनम् ४७३ पुण्यपाल नो रास ४०५ पुण्य प्रशसा रास ५३ पूज्यभाष गीत ७५ पुण्यसार चरित्र चौपइ ५१४, ५१८ पुण्यसार रास २०२, २९४, ३५९ पुण्यसार चौपइ ४२७ पुण्यसागर गुरु गीतम् ५७१ पुरन्दर चौपइ ३५३, ३५४ पुरोषोदय धवल ४४८ मह - गुर्जर जैन साहित्य का बृहद इतिहास पुष्पमाला प्रकरण ६१४ पूजाष्टक वार्तिक ७८ पूजाविधिरास ५३, ६१ प्रेमलता चौपइ १५२ Jain Education International प्रेमलालक्षी रास अथवा चन्द चरित २००, २२१ ब बंकचूल रास ३२२, २०४, २०५, १४३ ast मंडन बंध हेतु गर्भित वीरजिन विनति स्तवन २५१, २५३ बड़ा कक्का ३४३ बन्दी नु सूत्र टव्वा ४६९ बन्ध हेतु गभित वीर स्तवन ११२ बत्तीशी ३४२ बनारसी विलास ३१८, ३१०, २४ बरदत्त गुणदत्त मञ्जरी कथा ६७ बलिभद्र नी विनती ३८० बल्कलचोरी चोपइ ५१४ वसुदेव चौपइ ५७१ बारभावना अधिकार १७६ बार व्रत जोडि १२५ बार ब्रत रास ८२, १३१,२९० बार व्रत संज्झाय ३५ बार व्रत ग्रहण रास १७२ बारह भावना सन्धि १७२ For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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