Book Title: Hindi Jain Sahitya Parishilan Part 02
Author(s): Nemichandra Shastri
Publisher: Bharatiya Gyanpith
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हिन्दी-जैग-साहित्य परिशीलन -छहढाला; मुनि आत्मारामने जैन तत्वादर्श, तत्वनिर्णय प्रसार और अज्ञानतिमिर भास्कर; यति श्रीपालचन्द्रने सम्प्रदाय शिक्षा, चम्पारामने गौतम परीक्षा, वसुनन्दी श्रावकाचार टीका, चर्चासागर और योगसार; छत्रपतिने द्वादशानुप्रेक्षा, मनमोदन पचासिका, उद्यमप्रकाश और शिक्षा प्रधान, जौहरीलालने पद्मनन्दिपचविंशतिकाकी टीका; नन्दरामने योगसार वचनिका, यशोधरचरित्र और त्रिलोकसारपूजा; नाथूराम दोशीने सुकुमाल चरित्र, सिद्धिप्रिय स्तोत्र, महीपाल चरित्र, रत्नकरण्डश्रावकाचार टीका, समाधितन्त्र टीका, दर्शनसार और परमात्मप्रकाश टीका, पन्नालालने विद्वजनबोधक और उत्तर पुराण वचनिका; पारसदासने जानसूर्योव्य और सार चतुर्विंशतिकाकी वचनिका; फतेहलालने विवाह पद्धति, दशावतार नाटक, राजवात्र्तिकालकार टीका, रत्नकरण्ड टीका, तत्त्वार्थसूत्र टीका और न्यायदीपिका वचनिका; बख्तावरमल रतनलालने जिनदत्त चरित्र, नेमिनाथ पुराण, चन्द्रप्रम पुराण, भविष्यदत्त चरित्र, प्रीतिकर चरित्र, प्रद्युम्नचरित्र, ब्रतकथाकोश और अनेक पूजाएँ; चिदानन्दने सवैया बावनी और स्वरोदय, मन्नालाल वैनाड़ाने प्रद्युम्न चरित्र वचनिका; महाचन्द्रने महापुराण और सामायिक पाठ, मिहिरचन्दने सज्जनचिचवल्लभ पद्यानुवाद, हीराचन्द अमोलकने पचपूजा, शिवचन्दने नीतिवाक्यामृत टीका, प्रश्नोत्तर श्रावकाचार और तत्त्वार्थकी वचनिका; शिवजीलालने रत्नकरण्डवचनिका, चर्चासग्रह, बोधसार, अध्यात्मतरगिणी एवं स्वरूपचन्दने मदनपराजय वचनिका और त्रिलोकसार टीका आदि अन्थोकी रचना की है। . ईपी सन् की २०वीं शतीमे गुरु गोपालदास वरैया, बा. जैनेन्द्रकिशोर, जवाहरलाल वैद्य, महात्मा भगवानदीन, बा० सूरजभानु वकील, पं० पन्नालाल वाकलीवाल, प० नाथूराम प्रेमी, प० जुगलकिशोर मुख्तार, सत्यभक्त पं० दरबारीलाल, अर्जुनलाल सेठी, लाला मुंशीलालजी, बाबू दयाचन्द गोयलीय, मि० वाडीलाल मोतीलाल शाह, व्र० शीतलप्रसाद,

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