Book Title: Haribhadra ke Prakrit Katha Sahitya ka Aalochanatmak Parishilan
Author(s): Nemichandra Shastri
Publisher: Research Institute of Prakrit Jainology & Ahimsa Mujjaffarpur
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(२२) जयन्ती चरित --सं० श्राचार्य विजयकुमुद सूरि, प्र० मणि विजय जी ग्रन्थमाला, मु० लींच (महेसाणा ), वि० सं० २००६ ।
(२३) जिनदत्ताख्यान द्वय - सुमति सूरि तथा अज्ञातविद्वान्, सं० पं० श्रमृतलाल मोहनलाल भोजक, सिंधी जैन ग्रन्थमाला, भारतीय विद्याभवन, बम्बई, वी० सं० २००६
(२४) ठाणांग -- सं० मुनि अमोलक, प्र० ज्वाला प्रसाद सुखदेव सहाय, हैदराबाद, वी० सं० २४४६ ।
(२५) तिलोयपण्णत्ति -- यतिवृषभ, प्र० जीवराज जैन ग्रन्थमाला, सोलापुर | (२६) दशवं कालिक चूर्णि :- :--प्र० आगमोदय समिति । (२७) दशवं कालिक सूत्र हारिभद्रवृत्ति--सं० और प्र० मनसुखलाल महावीर प्रिंटिंग वर्क्स, बम्बई ।
(२८) देसीनाममाला -- हेमचन्द्र, सं० पिशल, प्र० भण्डारकर ओरिएण्टल इंस्टी ट्यूट, पूना ।
(२९) धर्मोपदे शमालाविवरण -- जयसिंह सूरि, सं० मुनि जिनविजय, प्र० सिंधी जैन ग्रन्थमाला, भारतीय विद्याभवन, बंबई, दि० सं २००५ ।
(३०) धूर्ताख्यान - - हरिभद्र सूरि, सं० डा० ए० एन० उपाध्ये, प्र० सिंधी जैन ग्रन्थमाला, भारतीय विद्याभवन, बम्बई ।
(३१) नन्दी सूत्रम् -- अनु० हस्तिमल्ल मुनि, प्र० रायबहादुर मोतीलाल जी मूथा, सतारा, सन् १६४२ ।
(३२) नन्दीसूत्र मलयगिरि टीका सहित -- प्र० श्रागमोदय समिति, ४२६, जवरी बाजार, बम्बई, सन् १९२४ ।
( ३३ ) नन्दीसूत्रस्य चूर्णि :-- हारिभद्रीया वृत्ति- प्र० श्वेताम्बर सभा, रतलाम | ( ३४ ) नरविक्रम चरित -- गुणचन्द्र सूरि, प्र० झवेरी अजितकुमार नन्दलाल, राजनगर, वि० सं० २००८ ।
(३५) नागपंचमी कहा -- महेश्वर सूरि, सं० डा० श्रमृतलाल रूवचंद गोपाणी, एम० ए०, पी-एच० डी०, सिंघी जैन ग्रन्थमाला, भारतीय विद्याभवन, बम्बई, सन् १९४९
( ३६ ) नायाधम्मकहा--सं० और प्र० एन० वी० वैद्य, फर्ग्यूसन कालेज, पूना-४,
सन् १६४० ।
(३७) निशीथ चूर्णि -- प्र० श्रागमोदय समिति ।
(३८) पउमचरियं -- विलसूरि, प्र० जैनधर्म प्रसारक सभा, भावनगर, सन् १९१४ । ( ३९ ) पाइ कहासंगहो -- -- पदमचन्द्र सूरि के शिष्य प्र० विजयदान सूरीश्वरजी ग्रन्थमाला, गोपीपुरा, सूरत, सन् १६५२ ।
(४०) पाइन - लच्छी नाममाला -- धनपाल, सं० और प्र० शादीलाल जैन, २३६, अब्दुल रेहमान स्ट्रीट, बम्बई - ३ |
(४१) प्राकृत पैंगलम् -- सं० डा० भोलाशंकर व्यास, प्र० पाकृत ग्रन्थपरिषद्,
वाराणसी ।
(४२) पंडिश्र धणवाल कहा -- संघतिलक सूरि, प्र० श्रीसंघ, सूरत, वि० सं० १९९७ । (४३) बहत्कल्पभाष्य-- श्वेताम्बर सभा, रतलाम ।
(४४) बंभदत्त चरियं -- सं० बी० एम० शाह, प्र० गुजरात ग्रन्थ कार्यालय, गांधी रोड, अहमदाबाद, सन् १९३७ ।
(४५) भगवती श्राराधना -- शिवार्य, प्र० श्रनन्त कीर्ति ग्रंथमाला, बम्बई, वि०सं० १९८६ ।
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