Book Title: Haribhadra ke Prakrit Katha Sahitya ka Aalochanatmak Parishilan
Author(s): Nemichandra Shastri
Publisher: Research Institute of Prakrit Jainology & Ahimsa Mujjaffarpur
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पालिग्रन्थ--
(१) इतिवृत्तक--सं० राहुल सांकृत्यायन आदि, प्र० उत्तमभिक्षु, रंगून । (२) उदानं-- (३) चरिया पिटकं--सं० राहुल सांकृत्यायन आदि, प्र० उत्तमभिक्षु, रंगून । (४) जातक (प्रथम भाग से षष्ठ भाग तक)--सं० भदन्त आनन्द कौसल्यायन,
प्र० हिन्दी साहित्य सम्मेलन, प्रयाग, वि० सं० २०११। (५) जातकट्ठकथा (पठमो भागो)--सं० भिक्षु धर्म रक्षित, प्र० भारतीय ज्ञानपीठ,
काशी। (६) थेरगाथा--सं० राहुल सांकृत्यायन प्रादि, प्र० उत्तम भिक्षु, रंगून । (७) थेरी-गाथा--सं० राहुल सांकृत्यायन आदि, प्र० उत्तम भिक्षु, रंगून । (८) निदान-कथा--सं० प्रो० एन० के० भागवत, प्र० बम्बई युनिवर्सिटी, सन् १९५३ (8) पेतवत्थु--सं० राहुल सांकृत्यायन आदि, प्र० उत्तमभिक्षु, रंगून । (१०), बुद्धवंसो--सं० राहुल सांकृत्यायन आदि,प्र० उत्तमभिक्षु, रंगून। (११) विमानवत्थु--सं० राहुल सांकृत्यायन आदि,प्र० उत्तमभिक्षु, रंगून । (१२) सुत्तनिपातो--सं० राहुल सांकृत्यायन आदि, प्र० उत्तमभिक्षु, रंगून । संस्कृत ग्रन्थ-- (१) अनेकान्त जय पताका--हरिभद्र सूरि, प्र० यशोविजय ग्रंथमाला भावनगर
वी० सं० २४३६ ।। (२) अवदानशतकम्--सं० पी० एल० वैद्य, प्र० मिथिला संस्कृत विद्यापीठ,
दरभंगा। (३) कथासरित्सागर--सोमदेवभट्ट प्र० बिहार राष्ट्रभाषा परिषद्, पटना,स. १९६०
१९६१। (४) कादम्बरी--बाणभट्ट, प्र० चौखम्बा संस्कृत सीरिज, बनारस, सन् १९५०-५१ । (५) कालिदास ग्रन्थावली--सं० सीताराम चतुर्वेदी, प्र० अ० भा० विक्रम परिषद्,
काशी। (६) काव्य प्रकाश--मम्मटाचार्य, प्र० चौखम्बा विद्याभवन, बनारस, सन् १६५७ । (७) काव्यमीमांसा--राजशेखर, प्र० बिहार राष्ट्रभाषा परिषद्, पटना, सन् १९५४। (८) काव्यानुशासन--प्राचार्य हेमचन्द्र, प्र० माहवीर जैनविद्यालय, बम्बई । (क) काव्यालंकार सूत्रवृत्ति--वामनः, प्र० आत्माराम एण्ड सन्स, दिल्ली।
(६) कुवलयानन्द--अप्पयदीक्षित, प्र० चौखम्बा विद्याभवन, वाराणसी। (१०) तत्वार्थराजवातिकम्--अकलंकदेव, भारतीय ज्ञानपीठ, वाराणसी। (११) दशकुमारचरित-दण्डी, प्र० चौखम्बा संस्कृत सीरिज, बनारस । (१२) दिव्यावदानम्--सं० पी० एल० वैद्य, प्र० मिथिला संस्कृत विद्यापीठ, दरभंगा। (१३) पंचतन्त्र--प्र० चौखम्बा विद्याभवन, वाराणसी, सन् १९५२ । (१४) प्रबन्ध कोश--राजशेखर, सं० मुनि जिनविजय, सिंधी जैन ग्रन्थमाला,
. भारतीय विद्याभवन, बम्बई, सन् १६३५॥
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