Book Title: Haribhadra ke Prakrit Katha Sahitya ka Aalochanatmak Parishilan
Author(s): Nemichandra Shastri
Publisher: Research Institute of Prakrit Jainology & Ahimsa Mujjaffarpur

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Page 456
________________ चन्द्र भ महतर ७० जगदीश पांडेय २२८ जगन्नाथ प्रसाद १ जम्बचरियं १२४ जयकोत्ति १०२ जयन्त भट्ट ४५ जयसिंह १०२ जातक, चतुर्थ खंड १६८, १६६ जातक, भाग ६ ३४७ जातटकथा नन्द जातक १६८ जिनचन्द्र ७३ जिनदत्त ४८ जिनदत्ताख्यान ८६ जिनदासर्गाग ३३ जिनभट ४६ जिनसेन १०५ जिनेश्वर ६१, ६८, ६६ जिनहर्षसूरि ६६ जैन साहित्य और इतिहास ३० जैन साहित्य और इतिहास पर विशद प्रकाश ४६, ४७ जैनाचार्य की प्रात्मनन्द शताब्दी स्मारक ३० ज्ञातृधर्म कथांग १५ टी० पिशले २६१ ठाकुर ४५ डिक्शनरी प्रॉफ वर्ल्ड लिटरेचर टर्स २६१, ३३८ तरंगवती २७ तिलकमंजरी ३४ तिलोयपण्णति १७, ४३ त्रिलोकसार ३४८ द जैनास् इन द हिस्ट्री ऑफ इंडियन लिटरेचर २ दण्डी १२२, ३०८ दश दृष्टांत गीता १०८ दशवकालिक नियुक्ति टीका ४७ दशवकालिक १०६, १०६ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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