Book Title: Haribhadra ke Prakrit Katha Sahitya ka Aalochanatmak Parishilan
Author(s): Nemichandra Shastri
Publisher: Research Institute of Prakrit Jainology & Ahimsa Mujjaffarpur
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बौ० ध०
बौधायन धर्मसूत्र। भ० ना०
भरत मुनि का नाट्यशास्त्र । भाव प्रा० गा०
भावप्राभृत गाथा। महा०प्र०प०
महापुराण प्रथम पर्व। . म० च०
महावीरचरियं । . याको० स०
याकोबी द्वारा सम्पादित समराइ चकहा।
रयणचूडरायचरियं ।। लीला० गा०, ली० गा०, लीला० क०.. लीलावतीकथा गाथा।. व० जी०
वक्रोक्ति जीवितम्। ., व० हि०, वसु० ..
वसुदेवहिण्डी। विपाक०
विपाक सूत्र । वीर० वि० म० क० ..
वीरदेव गणि विरचित महिवालकहा। व्यव० भा०
व्यवहार भाष्य। सम०प्र० भ०
समराइच्चकहा प्रथम भव। सम० पृ०, स० पृ०, स० क०
समराइच्चकहा पृष्ठ । स० क० द्वि० भ० ..
समराइच्चकहा, द्वितीय भव । सर्वा० पृ० ..
सर्वार्थसिद्धि पृष्ठ अध्याय । सा० द०
साहित्य दर्पण । सिरि०वि०
सिरि विजयचंद के वली चरियं । सु० टी० गा०
सुखबोध टीका गाथा । सुपा० पुव्व० भ०
सुपासनाहचरियं पूर्वभव। सु० गा०
सुरगुरुपारतन्त्र्य स्तव गाथा। सूत्र० चू०
सूत्रकृतांग चूणि । सं०३०
.. संस्कृत साहित्य का इतिहास । सं० त० प्रस्ता०
संक्षिप्त तरंगवती प्रस्तावना। सं० स०
संक्षिप्त तरंगवती कथा । हर्ष० सां०
हर्षचरित का सांस्कृतिक अध्ययन। हि० सा० प्रा० ..
.. हिन्दी साहित्य का आदिकाल । हेम० काव्य० प्र० .. .. हेमचन्द्र का काव्यानुशासन अध्याय ।
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