Book Title: Gujarati Bhashani Utkranti
Author(s): Bechardas Doshi
Publisher: Mumbai University

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Page 9
________________ २० २९ कंडिका विषय पृष्ठ | कंडिका विषय पृष्ठ १९ तुलनात्मक रीते सर्व अने तेनी भाषा ऊपर आर्यभाषाओना मूलभूत असर ३५ व्यापक प्राकृतनी चर्चा २८, २९ आर्य भाषामा प्रवेशेल व्यापक प्राकृतनुं साहित्य २९ म्लेच्छ शब्दोनो अर्थ आदिम प्राकृतनुं स्वरूप जाणवा म्लेच्छोनी अने समय सहायता २१-२२ जीवती वैदिक भाषा अने आर्यशाखानी अने म्लेच्छआदिम प्राकृत ए बन्ने शाखानी भाषा जाणनारा एक ज छे द्वैभाषिक आर्यो ३८ २३ जीवती वैदिक भाषामा ३० म्लेच्छपदोने बोलवानी उच्चारणोनुं अनियंत्रण ३० आर्योए स्वीकारेली उच्चा२४ जीवती भाषामा उच्चारणोनी रणपद्धति व्यवस्था न ज रही शके ३० केटलाक द्रविडी शब्दोनां महाभाष्यकारे दर्शावेलां आर्योए करेला उच्चारणो उच्चारणोनां दूषणो ३१ जीवती भाषामा एक ज द्रविडी पदोनां एवां उदाहरणो शब्दनां विविध उच्चारणोनां उदाहरणो ३२ ह्युएनसंगनां उच्चारणो अने। आवेस्तिक पदो आपणा शब्दो अंग्रेजोए करेलां एवां २६ स्थूल पदार्थना परिवर्त विलक्षण उच्चारणोनां ननी पेठे भाषादेह- परिव उदाहरणो ४३ र्तन शीघ्र गम्य थतुं नथी ३३ । २७ आर्योनो विस्तार अने भाष्यकारे अने हेमचंद्र तेमनी भाषानुं परिवर्तन वगेरेए दर्शावेलां एवां विजयी अने पराजित विलक्षण उच्चारणोनां तथा प्रजाना संपर्कथी भाषा अनार्यपदोनी व्युत्पत्तिनां परिवर्तन उदाहरणो २८ आर्योना अंतःपुर सुधी अनार्यशब्दनुं आर्योए फेरआदिम जनतानो प्रवेश वेलु उच्चारण ४० -w Jain Education International For Private & Personal Use Only ___www.jainelibrary.org

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