Book Title: Gujarati Bhashani Utkranti
Author(s): Bechardas Doshi
Publisher: Mumbai University

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Page 12
________________ (११) पृष्ठ कंडिका विषय पृष्ठ । कंडिका विषय ५२ वाक्पतिराजनी प्राकृत 'ह' नो 'अ' (१६) ९१ भक्ति 'त' नो 'ट', 'दृ' (१५),, ५३-५४ आदिम प्राकृत अने लौकिक 'म' नो 'म्भ' ९२ संस्कृत वच्चेनो भेद ८४ तथा 'क' नो 'ग' (१८),, ५५ व्यापक प्राकृत अने । 'ट' नो 'ड' (१९) , लौकिक संस्कृत ए बन्ने 'व' नो 'ब' तथा बहेनो छे 'द' नो लोप (२०) , नानी बहेन संस्कृत ऊपर ८६ । 'ड' नो 'ल' (२१) , मोटी बहेन प्राकृतनी 'स' नो लोप (२२) प्रबल असरनां उदाहरणो 'य' नो लोप अने 'स्याल' अने 'श्याल ' (१), 'र' नी वृद्धि (२३) 'शूर्प' अने 'सूर्प (२) ८७ 'क' नो लोप (२४) , 'श' नो 'स' 'स' नो 'श' 'द' नो लोप (२५) तथा 'ष' नो 'स' ८८ 'म' नो 'व' (२६) , 'क्ष' नो 'ख' अने 'व' नो 'म' (२७) 'क्ष' (३) 'स' नो 'ष' तथा 'त' नो 'ट' (४) 'ख' नो 'ह' (२८) 'र' नो लोप (५) 'प' नो 'व' (२९) स्वरभक्ति (६) 'व' नो लोप (३०) अनुस्वारयुक्तता (७) , 'क्ष' नो 'ख' (३१) 'आ' नो 'अ' (८) 'य' नो लोप (३२) 'इ' नो 'ए' (९) ९१ 'क्ष' नो 'छ' (३३) 'अ' नो 'आ' (१०) ,, 'त्स' नो'च्छ' (३४) 'ऋ' नो 'रि' (११) 'त' नो 'थ' (३५) , 'ति' नो 'रि' (३६) 'भ' नो 'ब' (१२) 'य' नो 'ज' (३७) 'ण' नो 'ल' (१३) , 'ह' नो 'घ' (३८) ९५ 'औ' नो 'उ' (१४) 'ष्ट्र' नो 'ढ' तथा 'र' 'द' नो 'ज' (१५) , लोप (३९) Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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