Book Title: Gujarati Bhashani Utkranti Author(s): Bechardas Doshi Publisher: Mumbai UniversityPage 14
________________ कंडिका विषय साधारण प्राकृतनी विविधता चंड अने हेमचंद्र चंड अने लक्ष्मीधर ८ 'तत्सम' नो अर्थ " ' तद्भव' नो अर्थ देश्य एटले तळपदी आर्यसंतानीय देश्य अने अनार्य संतानीय देश्य अनार्य संतानीय देश्य शब्दो राजकुमारोना उछेर माटे अनार्य दासीओ ६३-६४-६५ लौकिक संस्कृतमां पण देश्य शब्दो ६६ शौरसेनी भाषानो परिचय दिगंबर जैन साहित्य अने शौरसेनी भाषा शौरसेनीनी विविधता ६७ मागधी भाषानो परिचय सूत्रमागधी अने व्याकमागधी संकेत मागधीनी विविधता ६८ पैशाची भाषा अने चूलिका - पैशाची भाषानो परिचय पैशाचीनुं प्रभवस्थान Jain Education International (१३) पृष्ठ "" "" १२६ १२७ ७० "" १२९ 23 १३० १३१ १३३ १४४ "" १४६ " १४७ १४९ कंडिका विषय ६९ चूलिका - पैशाची पैशाचीनी विविधता वर्णविकारोनी दृष्टिए भाषाओनो क्रम अपभ्रंशभाषानो परिचय १५० १५१ ७१ ७२ महाभाष्यकार अने अप भ्रंशनो सामान्य अर्थ अपभ्रंशनो विशेष अर्थ भाषाविशेषपरत्वेना " अपभ्रंशनो सामान्य अर्थ १५८ अपभ्रंश अने वैदिकयुगनुं आदिम प्राकृत अपभ्रंशनो ऊहापोह रूढार्थक अपभ्रंश अने नाट्यशास्त्रकार भरत नाट्यशास्त्रमां अपभ्रंश अपभ्रंश अने दाक्षिण्य चिह्न महायानपंथना ललितविस्तर आदि ग्रंथोनां अपभ्रंशपद्यो ललितविस्तरनां पद्यो बोधिचर्यावतारनुं पद्य लंकावतारनां पदो पृष्ठ १५१ १५२ For Private & Personal Use Only १५४ अपभ्रंश "" १५९ पद्यो १६१ चंड अने रूढार्थ अपभ्रंश १६२ अपभ्रंशप्रबंध १६३ "> " १६० " १६५ " १६८ 23 www.jainelibrary.orgPage Navigation
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