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विषयानुक्रम व्याख्यान पहेलु-आमुख-पृ० १-२१८ कंडिका विषय पृष्ठ | कंडिका विषय १ उपक्रम
१ ९ पोतानी कल्पना प्रमाणे २ हेमचंद्र, गुजरातीना
शुद्ध उच्चारणोना प्रचारनो पाणिनि अने वाल्मीकि
प्रयत्न छतां पोते कल्पेलां निबंधनो क्रम
अशुद्ध उच्चारणो कदी ३ शब्दस्वरूप
भुसावानां नथी शब्दस्वरूप विशे अनेक
शुद्ध उच्चारणो माटेनो मतो-कपिल
प्रयत्न गौतम-कणाद
छेवटे अशुद्धने पण शुद्ध जैन
मानीने चलावq पड्यु बौद्ध
१२ ११ संस्कृतमां पण बीजां पतंजलि-भर्तृहरि
उच्चारणोनी असर शब्द अने शब्दार्थ
१२-१३ यास्कनुं उदाहरण ४ भाषास्वरूप
पाणिनि- उदाहरण “शब्द 'नुं मूल
“शप आक्रोशे" धातमां १४ १४ उच्चारणभेदनुं परिणाम ५- भाषाभेदना निमित्तो अने १५ संस्कृतमां अन्य भाषाना भाषाना भेदप्रभेदो १४ धातुनो प्रवेश, ए विशे
यास्क अने भाष्यकार शुद्ध उच्चारणवाळा समाजमां पण भाषाभेदना निमित्तो १५ १६-१७ वेदोमां पण अनार्य उच्चारण करनाराओनी
शब्दोनो प्रवेश विविध परिस्थिति अने १८ विविध उच्चारणोनुं सांकर्य उच्चारणो ऊपर एनी
छतां संस्कृतिनी दृष्टिए विधविध असर
भाषा-भाषा वचेना अवेस्तानुं उच्चारण
भेदनी परख
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