Book Title: Gujarati Bhashani Utkranti
Author(s): Bechardas Doshi
Publisher: Mumbai University

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Page 8
________________ पृष्ठ १० २० १० ,, २१ विषयानुक्रम व्याख्यान पहेलु-आमुख-पृ० १-२१८ कंडिका विषय पृष्ठ | कंडिका विषय १ उपक्रम १ ९ पोतानी कल्पना प्रमाणे २ हेमचंद्र, गुजरातीना शुद्ध उच्चारणोना प्रचारनो पाणिनि अने वाल्मीकि प्रयत्न छतां पोते कल्पेलां निबंधनो क्रम अशुद्ध उच्चारणो कदी ३ शब्दस्वरूप भुसावानां नथी शब्दस्वरूप विशे अनेक शुद्ध उच्चारणो माटेनो मतो-कपिल प्रयत्न गौतम-कणाद छेवटे अशुद्धने पण शुद्ध जैन मानीने चलावq पड्यु बौद्ध १२ ११ संस्कृतमां पण बीजां पतंजलि-भर्तृहरि उच्चारणोनी असर शब्द अने शब्दार्थ १२-१३ यास्कनुं उदाहरण ४ भाषास्वरूप पाणिनि- उदाहरण “शब्द 'नुं मूल “शप आक्रोशे" धातमां १४ १४ उच्चारणभेदनुं परिणाम ५- भाषाभेदना निमित्तो अने १५ संस्कृतमां अन्य भाषाना भाषाना भेदप्रभेदो १४ धातुनो प्रवेश, ए विशे यास्क अने भाष्यकार शुद्ध उच्चारणवाळा समाजमां पण भाषाभेदना निमित्तो १५ १६-१७ वेदोमां पण अनार्य उच्चारण करनाराओनी शब्दोनो प्रवेश विविध परिस्थिति अने १८ विविध उच्चारणोनुं सांकर्य उच्चारणो ऊपर एनी छतां संस्कृतिनी दृष्टिए विधविध असर भाषा-भाषा वचेना अवेस्तानुं उच्चारण भेदनी परख २२ २५ २६ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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