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है । यहाँ पाठकोंके संतोषार्थ कुछ प्रमाण उपस्थित किये जाते हैं, जिनसे पाठकोंको इस बातका भी अनुभव हो जायगा कि यह ग्रन्थ कब बना है और किसने बनाया है:( १ ) इस प्रतिष्ठापाठके पाँचवें परिच्छेदमें बहुतसे पद्य ऐसे पाए जाते हैं जो भगवजिनसेनप्रणीत 'आदिपुराण' से ज्योंके त्यों या कुछ परिवर्तनके साथ उठाकर रक्खे गये है । नमूने के तौर पर कुछ पद्य इस प्रकार हैं:
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चैत्यचैत्यालयादीनां भक्त्या निर्मापणं च यत् । शासनीकृत्य दानं च ग्रामादीनां सदार्चनम् ॥ २३ ॥
यह पथ आदिपुराणके ३८ वें पर्वका २८ वाँ पद्य है और यहाँ ज्योंका त्यों बिना किसी परिवर्तन के रक्खा गया है ।
ताः सर्वा अप्यर्हदीज्यापूर्विका यत इत्यतः । विधिशास्तामुशन्तीज्यां वृत्तिं प्राथमकल्पकीम् ॥ २० ॥
इस पद्यका उत्तरार्ध और आदिपुराण के उक्त पर्व सम्बन्धी ३४ वें पद्यका उत्तरार्ध दोनों एक हैं । परन्तु पूर्वार्ध दोनों पद्योंके भिन्न भिन्न पाए जाते हैं। आदिपुराणके उक्त ३४ वें पद्यका पूर्वार्ध है ' एवं विधविधानेन या महेज्या जिनेशिनाम् ' । ग्रन्थकर्त्ताने इस पूर्वार्धको अपने इसी परिच्छेदके ३० वें पद्यका पूर्वार्ध बनाया है । और इस तरह पर आदिपुराणके एक पद्यको दो टुकड़ोंमें विभाजित करके उन्हें अलग अलग स्थानों पर रक्खा है ।
बलिनपनमन्यच्च व्रतमुद्यापनादिकम् ।
उक्केष्वेव विकल्पेषु ज्ञेयमन्यच्च तादृशम् ॥ २९ ॥
यह पद्य आदिपुराणके ३८ वें पर्वमें नं० ३३ पर इसी प्रकारसे दर्ज है, सिर्फ ' मित्यन्यत् त्रिसंध्यासेवया समम्' की जगह यहां 'मन्यच्च व्रतमुद्यापनादिकम् ' ऐसा परिवर्तन पाया जाता है। इस परिवर्तन से ग्रन्थकर्ताने 'त्रिसंध्यासेवा' के स्थान में 'व्रत' और 'उद्यापनादिक' को खास तौरसे पंच प्रकारके पूजनमें शामिल किया है । अस्तु; इन उदाहरणोंसे प्रकट है कि यह प्रन्थ ( प्रतिष्ठापाठ ) भगवज्जिनसेनके आदिमुराणसे पहलेका बना हुआ नहीं है । परन्तु भट्टाकलंकदेव भगवजिनसेनसे पहले हो चुके है। भगवज्जिनसेनने, 'भट्टाकलंक - श्रीपाल - पात्रकेसरिणां गुणाः' इत्यादि पथके द्वारा, आदिपुराणमें, उनका स्मरण भी किया है। ऐसी हालत में यह प्रन्थ कदापि भहाकलंकदेवका बनाया हुआ नहीं हो सकता । और इस लिए कहना होगा कि यह प्रतिष्ठापाठ भगवब्बिनसेनके आदिपुराणसे पीछेका — अर्थात्, विक्रमकी ९ वीं शताब्दीके बादका बना हुआ है ।
( २ ) इस प्रन्यके तीसरे परिच्छेदमें एक स्थान पर, प्राणायामका स्वरूप बतलाते हुए, कुछ पय दिये हैं। उनमेंसे एक पद्य इस प्रकार है:
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