Book Title: Gnata Dharmkathangam Author(s): Chandrasagarsuri Publisher: Siddhchakra Sahitya Pracharak Samiti View full book textPage 2
________________ नवानी स्व०पू० गुरु आ. सुचावा। मीज्ञाता धर्मकथा 4 +5+ प्रकाशिकाश्रीलिचक्र-साहित्यप्रचारक-समिति प्रधानसञ्चालकपानाचन्द रूपसन्द झवेरी. २२४ शेतमेमणस्ट्रीट, मुम्बार ०२ ॥ स्व० पू० गुरुदेव-आगमोद्धारक-सुधावाक् ॥ मर्वव्यापक योग कयो, धर्मकथानुयोग. धर्मिष्ठोना चरित्रोनो संचय तेनुं नाम धर्मकथानुयोग छे. धर्मकथानुयोग ए एक व्यापक चीज छ, के जेओ शासनमान्यमार्गमा प्रवेशेला न होय, अने नवा दाखल थतां होय, ते वधाने प्रथम-देशनामा धर्मकथानुयोग कहेवो. (देशनानन्दसुधासिन्धु-देशना-६) 4+4+4+4 -- Зех RAKAR मुद्रक-शाह गुलाबचन्द लल्लुभाई, श्रीमहोदय प्रिन्टींग प्रेस. दाणापीठ-भावनगर. (सौराष्ट्र)Page Navigation
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