Book Title: Dravya Saptatika
Author(s): Lavanyasuri
Publisher: Sanmarg Prakashan

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Page 308
________________ ૧૪૩ श्री हेमचन्द्राचार्य श्रुतव्यवहार समुद्रसुरि सवार्थसिद्धि सागर श्रेष्ठी सिद्धपुर सिन्धु नदी सुशीला ४३ ६७ २९-३० ६०-६७ २३-२४ ४३ ३८-३९-४० १२-१९-२० | सूर्यपुर ४९ / सूर्यवती २३-२४ सौराष्ट्र २३-२४ समुद्र-सेन २३-२४-६० सङ्काश ४३-५९-६० । संगय (सङ्गा) २३-२४ सम्प्रदाग-थल ६७ | स्तनिक परिशिष्ट-६. अवचूरिका अनुवाद-गत ३८-३९-४० | वर्धमान वादिवेताल-शान्तिसूरि ३८-३९-४० विद्याविजय शकेन्द्र । शुनिक द्विज सत्य ३८-३९-४० सागर श्रेष्ठि ३८-३९-४० सिद्धाचल सम्प्रतिजिन ३८-३९-४० । सङ्काशश्रावक २९ | हर्षसूरि परिशिष्ट ७. कथा अकारादि अमदावाद अयोध्या आनन्दप्रेस गौतम गन्धीला जीर्णश्रेष्ठि नीति १२ २९ ३८-३९-४० ६७ भावनगर ६७ ६७ मगध रलशेखरसूरि रामचन्द्र ६८ ३८-३९-४० ६७ २९-३० भद्रशेठ कर्मसार-पुण्यसार चन्द्रकुमार देवसेनमाता बे श्रेष्ठिपुत्रो मृगश्रावक | महाकाल रुद्रदत्त ऋषभदत्त सागरशेठ सङ्काश श्रावक २३-२४-६० ६०-६७ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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